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पेगासस मामला: SC ने कहा- सोशल मीडिया पर बहस ना करें याचिकाकर्ता, सिस्टम पर रखें विश्वास

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा अपील की गई कि इस मामले की सुनवाई शुक्रवार के बाद ही की जाए. सरकार ने सूचित किया है कि याचिकाकर्ता यशवंत सिन्हा के अलावा अन्य सभी की याचिका उन्हें मिल गई है. 

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पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई (सांकेतिक तस्वीर)
पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
  • कोर्ट में ही अपनी बात रखें याचिकाकर्ता: SC

पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Snooping Case) में मंगलवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को सूचित किया गया है कि उनकी ओर से सरकार को याचिकाओं की कॉपी मुहैया करा दी गई है. 

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा अपील की गई कि इस मामले की सुनवाई शुक्रवार के बाद ही की जाए. सरकार ने सूचित किया है कि याचिकाकर्ता यशवंत सिन्हा के अलावा अन्य सभी की याचिका उन्हें मिल गई है. 

याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में कोर्ट से अपील करते हुए केंद्र को नोटिस जारी करने को कहा, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करने से इनकार किया और सुनवाई को सोमवार तक के लिए टाल दिया.

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बहस अदालत में हो - सुप्रीम कोर्ट

हालांकि, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कुछ सख्त रुख भी अपनाया. अदालत ने कहा कि कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया (Social Media) पर भी इस मसले पर बहस की जा रही है, सारी बहस अदालत में ही होनी चाहिए. अगर याचिकाकर्ता सोशल मीडिया पर ही बहस करना चाहते हैं, तो ये उनपर निर्भर है. वकील कपिल सिब्बल ने भी अदालत की इस बात पर सहमति व्यक्त की. चीफ जस्टिस ने सभी से कहा कि वह सिस्टम पर भरोसा रखें. 

गौरतलब है कि पेगासस जासूसी मामले को लेकर संसद से लेकर सड़क तक बवाल मचा था. जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. करीब नौ याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें इस मामले की जांच की अपील की गई है. 

आरोप है कि सरकार द्वारा इज़रायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर देश में कई हस्तियों की जासूसी की गई, इनमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत अन्य कई नेता शामिल हैं. विपक्ष द्वारा इस मसले पर संसद के मॉनसून सत्र पर लगातार हंगामा किया गया. हालांकि, सरकार ने संसद में कहा है कि उनकी ओर से ऐसी कोई जासूसी नहीं की गई है. 

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