कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा सड़क जाम के मुद्दे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान देश की शीर्षस्थ अदालत ने केंद्र से कहा कि कृपया इस सड़क जाम का कुछ समाधान निकालिए. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति हर्षिकेश राय की बेंच ने सरकार से कहा, "please work out something."
नोएडा की मोनिका ने दायर किया है PIL
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नोएडा की मोनिका अग्रवाल नाम की याचिका पर सुनवाई हो रही थी. मोनिका ने एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नोएडा से दिल्ली जाने में अब उसे 20 मिनट की जगह 2 घंटे लगते हैं और ऐसा किसानों के द्वारा किए गए सड़क जाम की वजह से हो रहा है.
अदालत ने केस की सुनवाई करते हुए कहा कि "यह कहा गया है कि याचिकाकर्ता को कुछ समस्या है. इसका समाधान भारतीय संघ और राज्य सरकारों के हाथों में है. दोनों सरकारें यह सुनिश्चित करे कि जब कोई विरोध हो रहा है तो सड़कों पर आवाजाही बंद न हो ताकि लोगों का आना-जाना न रुके."
किसानों को प्रदर्शन का अधिकार, मगर ट्रैफिक नहीं रोकी जा सकती
जस्टिस एस के कौल ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि आप इस समस्या का समाधान क्यों नहीं कर पा रहे हैं. किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन सड़कों पर ट्रैफिक को रोका नहीं जा सकता है.
तुषार मेहता ने कहा कि हम दो यूनियनों के नाम दे सकते हैं जिन्हें इस केस में पक्षकार बनाया जा सकता है. इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि तब कोई और यूनियन आएगी और कहेगी कि हमारा पक्ष नहीं रखा गया है. अब इस मामले की सुनवाई 20 सितंबर को होगी.