पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का एक और दोषी अपनी रिहायी की अपील लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा गया. इस बार दोषी रविचंद्रन ने याचिका दायर करते हुए मांग की है कि उसे भी उसी तरह रिहा कर दिया जाए जिस तरह से पेरारिवलन को रिहा किया गया था.
रविचंद्रन ने कोर्ट से यह भी अनुरोध किया कि जेल से रिहा होने का मामला पूरा होने तक उसे जमानत दी जाए. रविचंद्रन ने मद्रास हाई कोर्ट के आजीवन कारावास के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. मालूम हो कि पूर्व पीएम की हत्या के मामले में अभी भी छह दोषी सजा काट रहे हैं.
18 मई को SC ने पेरारिवलन को किया था बरी
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को जेल में अच्छे बर्ताव के कारण रिहा करने का आदेश दिया था. जस्टिस एल नागेश्वर की बेंच ने आर्टिकल 142 का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश दिया था.
रारिवलन 30 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद था. पेरारिवलन जब भी पैरोल पर बाहर आया, तब भी उसकी कोई शिकायत नहीं आई थी. आर्टिकल 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को अपने समक्ष किसी भी लंबित मामले या किसी भी मामले में इंसाफ के लिए जरूरी आदेश पारित करने का अधिकार देता है.
21 मई को हुई थी राजीव गांधी की हत्या
21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान तमिलनाडु में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पेरारिवलन समेत 7 लोगों को दोषी पाया गया था. टाडा अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को मौत की सजा सुनाई थी.
बाद में दया याचिका की सुनवाई में देरी की वजह से पेरारिवलन की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने उसकी उम्रकैद को भी खत्म कर रिहा करने के लिए एक रेजोल्यूशन पास किया था.