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तमिलनाडु: अगले चार महीने में कराने होंगे शहरी निकाय चुनाव, SC से EC की याचिका खारिज

तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग ने 13 सितंबर को घोषणा की थी कि राज्य के 9 जिलों में 27,000 से अधिक पदों पर ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में छह और नौ अक्टूबर में होंगे.

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सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने में निकाय चुनाव कराने को कहा (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने में निकाय चुनाव कराने को कहा (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने में निकाय चुनाव कराने को कहा
  • EC की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग की ओर से दायर सात महीने यानी अगले साल अप्रैल तक की मोहलत दिए जाने की अपील खारिज कर दी है. यानी तमिलनाडु में शहरी निकाय चुनाव चार महीने में ही कराने होंगे, फरवरी शुरू होने से पहले ही.

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कोविड प्रोटोकॉल की वजह से राज्य में शहरी निकायों के चुनाव टल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में याचिका आई तो राज्य निर्वाचन आयोग ने सात महीने और चुनाव टालने की मांग की. आयोग की दलील थी कि राज्य सरकार ने प्रशासनिक सरलता की गरज से कुछ बड़े जिलों में से काट छांट कर नौ नए जिले बनाए हैं. वहां चुनावी तैयारियों के लिए वक्त दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की सात महीने की अपील खारिज करते हुए चार महीनों में ही चुनाव कराने का आदेश जारी कर दिया.

दरअसल तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग ने 13 सितंबर को घोषणा की थी कि राज्य के 9 जिलों में 27,000 से अधिक पदों पर ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में छह और नौ अक्टूबर को होंगे. नवगठित चेंगलपट्टू, तेनकासी और कल्लाकुरिची सहित 9 जिलों में  मतगणना 12 अक्टूबर को होगी.

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राज्य चुनाव आयोग ने कोर्ट से चुनाव प्रक्रिया को लेकर तैयारी करने के लिए अप्रैल 2022 तक का समय मांगा था. लेकिन चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हीमा कोहली की पीठ ने स्थानीय निकाय चुनाव करवाने के लिए आयोग द्वारा समय बढ़ाने की मांग पर निर्देश जारी किया.

सीनियर एडवोकेट पी विल्सन जब चुनाव आयोग के मोहलत मांगे जाने पर सहमत हुए तो सीजेआई रमना ने चुटकी लेते हुए कहा, “ मिस्टर विल्सन ! आपने समय से चुनाव करवाने के लिए याचिका दाखिल की थी पर अब आप स्थगित कराने पर भी सहमत हैं. आखिर माजरा क्या है? ” विल्सन ने दलील दी कि स्थानीय निकायों के लिए सभी लोग चुनाव चाहते हैं. मई में बनी नई सरकार भी इसे जल्द से जल्द कराने की कोशिश में लगी हुई है.

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विल्सन ने कहा कि राज्य में 600 से ज्यादा स्थानीय शहरी निकाय हैं. उन्होंने कहा कि उनकी याचिका परिसीमन में देरी और 9 नए जिलों के स्थानीय निकायों में चुनाव कराने को लेकर थी. उन्होंने कहा कि उनकी याचिका का उद्देश्य पूरा हो गया. पिछली सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट से कहा था कि 9 नए जिलों में स्थानीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया 12 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी. कोविड-19 की संकट वाली स्थिति को देखते हुए राज्य के शहरी निकायों में चुनाव कराने की तैयारियों के लिए कुछ और समय की जरूरत है. 

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पिछले जून में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में 4 बड़े जिलों में से कतरब्योंत कर बनाए गए 9 नए जिलों में 15 सितंबर तक स्थानीय निकाय के चुनाव कराने का आदेश दिया था. कोर्ट ने डेढ़ साल पहले  11 दिसंबर, 2019 को शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव कराने के लिए दिए गए चार महीने के समय के बजाय 18 महीने का समय ले लिया. कोर्ट ने कहा था कि स्थानीय निकायों का कार्यकाल 2018-19 में समाप्त हो गया था और तब से उनमें कोई नया निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है.

 

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