वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के वुजू क्षेत्र में ढूंढे गए कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की अनुमति दे दी थी. इस फैसले के खिलाफ ही मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इस याचिका पर ही कल सुनवाई होगी. इसके अलावा इससे जुड़े एक और मामले में सोमवार (22 मई) को भी सुनवाई होगी.
मस्जिद कमेटी की तरफ से सीनियर वकील हुजेफा अहमदी ने हाई कोर्ट के आदेश का सुप्रीम कोर्ट में उल्लेख किया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसे सोमवार के लिए लिस्ट किया जाए. अहमदी ने कहा कि सोमवार को हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई है. इस जवाब पर सीजेआई ने कहा कि कोई बात नहीं हम सोमवार को सुनवाई करेंगे.
बिना क्षति पहुंचाये जांच का दिया था आदेश
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच और साइंटिफिक सर्वे की मांग को लेकर दाखिल याचिका स्वीकार कर ली थी. कोर्ट ने एएसआई को बिना क्षति पहुंचाये शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच करने का आदेश दिया था.
वाराणसी की अदालत ने नहीं किया था फैसला
वाराणसी की अधीनस्थ अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की यथास्थिति कायम रखने के आदेश के चलते कार्बन डेटिंग जांच कराने से इंकार कर दिया था, जिसे चुनौती दी गई थी. हाई कोर्ट ने वाराणसी की अदालत के आदेश को रद्द कर दिया.
याचिका पर इन्होंने रखा था सरकार का पक्ष
याचिका पर राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और मुख्य स्थायी अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडेय ने पक्ष रखा था. याचिका पर अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ से एसएफए नकवी ने पक्ष रखा था.
जांच से पता चलेगी 'शिवलिंग' की आयु
कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह से पूछा था कि क्या शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बगैर कार्बन डेटिंग से जांच की जा सकती है. क्योंकि इस जांच से शिवलिंग की आयु का पता चलेगा. एएसआई ने कहा था- बिना क्षति शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच की जा सकती है.