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'सुरक्षाबलों से लूटे हथियार का क्या हुआ', सुप्रीम कोर्ट का मणिपुर सरकार से सवाल

मणिपुर में हुई हिंसा से जुड़े मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मणिपुर सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. वहीं, याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि राज्य में हालत बहुत गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पहले स्टेटस रिपोर्ट पढ़ना चाहते हैं.

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मणिपुर हिंसा (File Photo)
मणिपुर हिंसा (File Photo)

मणिपुर में हिंसा की वजह से इन्टरनेट बंद होने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में CJI के सामने उठाया गया. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल (SG) ने कहा कि मणिपुर हाई कोर्ट ने इंटरनेट बहाल करने का आदेश दिया है, जिनके पास लीज लाइनें और फाइबर ऑप्टिक कनेक्शन हैं. 
CJI ने कहा है कि मणिपुर मामले पर सुनवाई होगी आप उस समय अपनी बात रखियेगा. मणिपुर सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है.

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बता दें कि मणिपुर हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट मे मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच सुनवाई कर रही है. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि राज्य के लिए किसी तरह की गलत बयानबाजी तनाव और बढ़ा सकती है.

याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि राज्य में हालत बहुत गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पहले स्टेटस रिपोर्ट पढ़ना चाहते हैं. सीजेआई ने याचिकाकर्ता के वकील गोंजाल्विस से कहा कि आप कोई ठोस सुझाव लेकर मंगलवार को आइए. हम इसपर कल ही सुनवाई करेंगे. राज्य सरकार की स्टेटस रिपोर्ट भी देखिए उसके बाद आपके पास भी कुछ ठोस सुझाव है तो कोर्ट को बताइए. CJI की अध्यक्षता वाली बेंच में मणिपुर सरकार की ओर से पेश SG ने कहा वहां हालात समान्य हो रहे हैं.

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 इस मामले पर किसी भी तरह की रिपोर्टिंग से वहां के हालात पर असर पड़ेगा. यहा तक कि कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग से भी असर पड़ेगा. CJI ने प्रदेश सरकार की ओर से दायर स्टेटस रिपोर्ट पढ़ने के बाद याचिकाकर्ताओं के वकील कोलिन गोंजाल्विस से कहा कि आप भी राज्य सरकार की स्टेटस रिपोर्ट देख लें. इसके बाद आप भी अपनी तरफ से भी और उचित सुझाव दें. इसके बाद कल हम इस मामले पर निर्देश जारी करने पर विचार किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हालात को बेहतर करने के लिए याचिकाकर्ता के वकील कल ठोस सुझाव लेकर कोर्ट आएं. मणिपुर हिंसा मामले पर सीजेआई ने कहा, हम नहीं चाहते कि इस मंच (सुप्रीम कोर्ट) का इस्तेमाल हिंसा को और बढ़ाने के लिए किया जाए. सीजेआई  ने कहा कि यह एक मानवीय मुद्दा है और हम चाहते हैं कि बिना किसी पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण के व्यवस्था और राहत शिविर लगाए जाएं.

SC ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि सुरक्षा बलों और पुलिस से लोगों द्वारा लूटे गए हथियारों का क्या हुआ? सरकार इस पर कल जवाब देगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं राज्य की स्थिति से निपटने के लिए और कोई कदम उठाने की जरूरत है तो हम देखेंगे. चीफ जस्टिस ने कहा कि  हम नहीं चाहते कि कोर्ट में चल रहा सुनवाई के चलते सूबे में हिंसा और कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़े. कानून व्यवस्था या सुरक्षा कायम करना हमारा काम नहीं है. ये चुनी हुई सरकार का काम है. अगर याचिकाकर्ता सुझाव दे तो हम उन पर विचार कर सकते हैं.

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