scorecardresearch
 

जस्टिस बीवी नागरत्ना: 2027 में देश को मिल सकती है पहली महिला CJI

देश को अगले कुछ सालों में पहली महिला चीफ जस्टिस मिल सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट में खाली पड़े जजों के पदों पर नियुक्ति के लिए कॉलेजियम ने 9 नाम केंद्र सरकार को भेजे हैं, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. अगर सरकार की ओर से कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना को मंजूरी मिलती है तो वो देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं.

Advertisement
X
सुप्रीम कोर्ट में दो साल से नहीं हुई है जजों की नियुक्ति (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट में दो साल से नहीं हुई है जजों की नियुक्ति (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जस्टिस नागरत्ना बन सकती हैं पहली महिला CJI
  • जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम ने 9 नाम भेजे

देश को अगले कुछ सालों में पहली महिला चीफ जस्टिस (first Woman CJI) मिल सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में खाली पड़े जजों के पदों पर नियुक्ति के लिए कॉलेजियम (Collegium) ने 9 नाम केंद्र सरकार को भेजे हैं, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. अगर सरकार की ओर से कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना के नाम को मंजूरी मिलती है तो वो देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं.

Advertisement

कॉलेजियम की ओर से जिन नामों की सिफारिश की गई है, उनमें कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एएस ओका, गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ, सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जेके माहेश्वरी, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सीटी रवींद्र कुमार और केरल हाईकोर्ट के जज जस्टिस एमएम सुंदरेश शामिल हैं. इनके अलावा कॉलेजियम ने सीनियर एडवोकेट पीएस नरसिम्हा के नाम की भी सिफारिश की है. 

वहीं, कॉलेजियम ने जिन तीन महिलाओं को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की है, उनमें तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली, गुजरात हाईकोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी और कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना हैं. अगर जस्टिस नागरत्ना के नाम पर केंद्र सरकार तुरंत मुहर लगाती है तो 2027 में वो देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं. 

ये भी पढ़ें-- 56 सालों के बाद की गई अपील, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर ठोका पांच हजार रुपये का जुर्माना

Advertisement

दो साल बाद होगी सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट में आखिरी बार सितंबर 2019 में जजों की नियुक्ति हुई थी. उसके बाद से यहां जज रिटायर होते जा रहे थे, लेकिन नियुक्ति नहीं हो रही थी. पिछले हफ्ते ही जस्टिस आरएफ नरीमन के रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों के 9 पद खाली थे. उनके रिटायर होने के बाद जस्टिस एलएन राव कॉलेजियम में शामिल हो गए थे. सूत्रों के मुताबिक, कॉलेजियम सदस्यों के बीच वैचारिक मतभेद होने की वजह से नामों पर सहमति नहीं बन पा रही थी, जिस वजह से नियुक्तियां अटकी हुई थीं. 

आज एक और जज हो रहे हैं रिटायर

बुधवार को जस्टिस नवीन सिन्हा भी रिटायर हो रहे हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में खाली पड़े जजों के पदों की संख्या 10 हो जाएगी. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जजों की तय संख्या चीफ जस्टिस समेत 34 है. अब जस्टिस नवीन सिन्हा के रिटायरमेंट के बाद जजों की संख्या 24 रह जाएगी.

 

 

Advertisement
Advertisement