scorecardresearch
 

30 हफ्ते से प्रेग्नेंट युवती को अबॉर्शन की अनुमति नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और AIIMS को दिए ये निर्देश

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से भावुक अपील की कि वो शिशु को अपनाने को तैयार हैं. वो उसे अपने आवास रख लेंगी. इसके बाद सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पक्षकारों को अपने चेंबर में बुलाया और बातचीत की.

Advertisement
X
सुप्रीम कोर्ट ने युवती के परिजनों की याचिका पर सुनवाई की
सुप्रीम कोर्ट ने युवती के परिजनों की याचिका पर सुनवाई की

शादी के बिना प्रेम प्रसंग में प्रेगनेंट हुई युवती के 30 हफ्ते का गर्भ गिराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए सरकार और AIIMS को विशेष जिम्मेदारी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 में पूर्ण न्याय के मकसद से मिले विशेष अधिकार का प्रयोग करते हुए एम्स को युवती के सुरक्षित प्रसव और स्वास्थ्य और कल्याण व देखरेख की जिम्मेदारी सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सौंपी है.

Advertisement

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की सलाह पर यह भी आदेश दिया है कि शिशु जन्म के बाद उसे गोद देने के लिए सेन्ट्रल एडॉप्शन रिसोर्स ऑथोरिटी यानी CARA में रजिस्टर्ड हुए दंपति में से सबसे उचित तरीके से सही युगल का चुनाव किया जाए. 

सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से भावुक अपील की कि वो शिशु को अपनाने को तैयार हैं. वो उसे अपने आवास रख लेंगी. इसके बाद सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पक्षकारों को अपने चेंबर में बुलाया और बातचीत की. इसके बाद पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेषाधिकार के प्रयोग का फैसला करते हुए आदेश जारी किया. 

इस बाबत पिछले हफ्ते हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एएसजी ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वो पीड़ित युवती से बातचीत कर उसे सलाह दें. एम्स के विशेषज्ञों की टीम भी उसे सलाह दे. क्योंकि एम्स के विशेषज्ञों ने कोर्ट को रिपोर्ट दे थी कि गर्भावस्था की स्थिति काफी आगे बढ़ चुकी है और अब गर्भपात जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत के लिए उचित नहीं होगा. अब बच्चा जीवित ही जन्म लेगा. गर्भ में एक जीव की हत्या करना उचित नहीं होगा. तब जस्टिस जेबी पारदीवाला ने पूछा था कि क्या पीड़ित युवती को रिपोर्ट के बारे में जानकारी है? इस पर याचिकाकर्ता और पीड़ित लड़की के परिजनों ने कहा कि लड़की अभी एग्जाम दे रही है. उसके एग्जाम 20 जनवरी तक हैं. 

Advertisement
Advertisement