यूपी के नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड ( Supertech Emerald) की बनाई गई अवैध बहुमंजिला इमारत (ट्विन टावर) को ढहाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने भारी जुर्माना लगाते हुए खारिज कर दिया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने PIL को खारिज करते हुए इसे बेमतलब की याचिका बताया.
नोएडा में सुपरटेक के 40 मंजिला एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर को ढहाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ गैर सरकारी सामाजिक संस्था सेंटर फॉर लॉ एंड गुड गवर्नेंस ने एक याचिका दायर की थी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए संस्था पर 5 लाख जुर्माना लगाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माने की रकम रजिस्ट्री में जमा में अदा करने को कहा है और इस पांच लाख रुपए का उपयोग उन वकीलों के परिवारों की मदद करने के आदेश दिए हैं जो कोविड-19 से प्रभावित हुए हैं.
21 अगस्त को गिराए जाने हैं टावर
उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93A में स्थित सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को 21 अगस्त को गिराए जाने का आदेश हुआ है. सुपरटेक टावर को सुरक्षित तौर पर गिराने की जिम्मेदारी एडिफिस इंजीनियरिंग को दी गई है. एडिफिस ने केरल के कोच्चि में भी अदालत के आदेश पर पर्यावरण के नियमों की अवहेलना करके बनाई गई बहुमंजिला इमारत को ढहाया है. दिल्ली-एनसीआर में यह पहली बार होगा जब किसी गैर कानूनी निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत को अदालत के आदेश पर विस्फोट के जरिए गिराया जाएगा.
धूल से बचने का बनाया गया प्लान
एक्सपर्ट्स के मुताबिक ट्विन टावर गिराते वक्त उड़ने वाली धूल से पर्यावरण को नुकसान होगा. इसके मद्देनजर एडिफिस और नोएडा अथॉरिटी ने टावर को सफेद और काले जिओ फाइबर से घेर दिया है. इसके अलावा धूल से बचने के लिए एक और प्लान बनाया गया है. इसमें टावर के आसपास के फूल-पौधों को प्लास्टिक की चद्दर से ढक दिया जाएगा.