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महाराष्ट्र स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट से मिली दो हफ्ते की राहत, 15 फरवरी तक होगा NCP विवाद का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने की समय सीमा बढ़ा दी है. स्पीकर राहुल नार्वेकर ने एनसीपी मामले की सुनवाई में अधिक समय लगने की दलील देते हुए समय सीमा बढ़ाने का निवेदन किया था जिसे कोर्ट ने मान लिया.

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महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट से राहत (प्रतीकात्मक तस्वीर)
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट से राहत (प्रतीकात्मक तस्वीर)

NCP बनाम NCP विवाद में विधायकों की अयोग्यता मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को राहत दी है. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर राहुल नार्वेकर को फैसला देने के लिए 15 फरवरी तक और समय दिया है. सुप्रीम कोर्ट से निर्धारित समय सीमा 31 जनवरी को खत्म हो रही है.

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महाराष्ट्र विधान सभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने और समय देने की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपना आदेश पारित करने के लिए 3 सप्ताह का और समय मांगा था. इस बाबत स्पीकर ने कहा है कि उनको 21 फरवरी तक का वक्त दिया जाए.

स्पीकर ने दी थी ये दलील

सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी शिवसेना मामले में अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर बैठे रहने के लिए स्पीकर को फटकार लगाई थी. इस पर स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि NCP की याचिका पर सुनवाई देर से शुरू हुई क्योंकि वह पहले शिवसेना में उठे ऐसे ही विवाद की याचिकाओं पर रोजाना सुनवाई में व्यस्त थे.

एनसीपी ने उठाया था सवाल

NCP मामले पर सुनवाई के दौरान जिरह में भी उम्मीद से ज्यादा समय लग रहा है. इसके बाद एनसीपी (NCP) एमएलए जयंत पाटिल की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि स्पीकर को जल्द फैसला लेने का निर्देश दें. 

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एनसीपी का कहना है कि स्पीकर ने "एक तटस्थ मध्यस्थ के रूप में अपने संवैधानिक कर्तव्य की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए अयोग्यता याचिकाओं पर विचार करने में देरी की है, जो याचिकाकर्ता के राजनीतिक दल (एनसीपी) के हितों और आम जनता के हितों के लिए हानिकारक है.

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