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तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को 3 महीने बाद SC से मिली सशर्त जमानत, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुए थे अरेस्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी को जमानत दे दी और कहा कि जमानत पर कड़ी शर्तें और अभियोजन में देरी एक साथ नहीं चल सकती. जस्टिस एएस ओका और एजी मसीह की पीठ ने बालाजी की पीठ ने यह फैसला सुनाया.

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तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी
तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी

नौकरी के बदले नकदी रिश्वत लेने के घोटाले में गिरफ्तार तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दिया जमानत देते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया है. सेंथिल बालाजी को पिछले साल 14 जून को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था.

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उन पर AIADMK सरकार में परिवहन मंत्री रहने के दौरान नौकरी के बदले नकद रिश्वत लेने के घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.मद्रास हाईकोर्ट ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जबकि निचली अदालत भी उनकी जमानत याचिकाएं तीन बार खारिज कर चुकी है.

यह भी पढ़ें: 'पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ दिखाइये सबूत...', सुप्रीम कोर्ट ने ED को दिए आदेश

 हाई कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया गया तो इससे गलत संदेश जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने बालाजी की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया था.

बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों की चार्जशीट

बालाजी को जून 2023 में ED ने नकदी के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. उस वक्त वह परिवहन मंत्री थे. गिरफ्तारी के तुरंत बाद एक निजी अस्पताल में उनकी बाईपास सर्जरी की गई थी. बाद में ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था और उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. समय-समय पर उनकी रिमांड बढ़ाई जाती रही. ईडी ने 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.

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