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सोशल मीडिया पर इस्लामोफोबिक कंटेंट रोकने के लिए याचिका, SC में अगले हफ्ते सुनवाई

सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले पोस्ट और हैशटेग के खिलाफ एक्शन को लेकर ये याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से नए आईटी नियम पढ़कर आने के लिए कहा है.

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सुप्रीम कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में होगी मामले की सुनवाई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भड़काऊ हैशटेग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
  • सुप्रीम कोर्ट में अब अगले हफ्ते होगी सुनवाई

सोशल मीडिया (Social Media) पर चलाए जा रहे इस्लामोफोबिक (Islamophobic) पोस्ट और हैशटेग से संबंधित एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अगले हफ्ते सुनवाई की जाएगी.

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याचिकाकर्ता द्वारा अपील की गई थी कि पिछले साल निज़ामुद्दीन में तबलीगी जमात को लेकर जो बातें सामने आईं, उसके बाद सोशल मीडिया पर इस तरह के भड़काऊ हैशटेग और पोस्ट की संख्या बढ़ गई है. 

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को नए आईटी नियम पढ़ने के लिए कहा और मामले की सुनवाई अगले हफ्ते करने की बात कही. वकील ख्वाजा एज़ादुद्दीन द्वारा याचिका में अपील की गई थी कि इन मामलों की जांच सीबीआई या एनआईए द्वारा की जाए. 

चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोप्पना की बेंच ने इस याचिका को सुना, जिसमें बेंच ने वकील से पूछा कि क्या आपने नए आईटी नियमों को पढ़ा है. इसी के साथ बेंच ने इस मामले को एक हफ्ते के लिए टाल दिया, याचिकाकर्ता से कहा गया कि वह नए नियमों को पढ़ें और फिर सुनवाई के लिए आएं. 

याचिकाकर्ता ने अपील की है कि ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रहे भड़काऊ हैशटेग को रोकने के लिए एक्शन लिया जाना चाहिए. 

आपको बता दें कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा नए आईटी नियमों को लाया गया है, जिसके तहत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को इन नियमों को मानना होगा. लंबे विवाद के बाद अब ट्विटर इन नियमों को मानना शुरू कर रहा है, ट्विटर ने हाल ही में भारत में अपना एक स्थानीय अधिकारी नियुक्त किया है. 

(एजेंसी से इनपुट) 

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