scorecardresearch
 

जजों की सुरक्षा को लेकर SC सख्त, केंद्र से सवाल, राज्यों से 10 दिन में मांगी रिपोर्ट

झारखंड के धनबाद में हुई जज उत्तम आनंद की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट अब जजों की सुरक्षा को लेकर सख्त हो गया है. जज की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी.

Advertisement
X
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जजों की सुरक्षा को लेकर SC में सुनवाई
  • SC ने पूछा- सुरक्षा के लिए क्या किया?

जजों की सुरक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सख्त हो गया है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किए. इसके साथ ही राज्य सरकारों से जजों की सुरक्षा को लेकर 10 दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर राज्य सरकारें रिपोर्ट देने में देरी करती हैं, तो उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. 

Advertisement

दरअसल, धनबाद में एडीजे उत्तम आनंद (ADJ Uttam Anand) की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान (Suo Moto) लेते हुए सुनवाई शुरू की थी. मंगलवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमणा (CJI NV Ramana) ने जजों की सुरक्षा को लेकर केंद्र से सवाल किया. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) ने कहा- पुलिस व्यवस्था राज्यों का विषय है. 2007 में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जजों की सुरक्षा के लिए एक गाइडलाइन जारी की थी. इसमें DGP को कहा गया था कि जजों की सुरक्षा के लिए स्पेशल ब्रांच की पुलिस और इंटेलिजेंस यूनिट के जवान होने चाहिए.

एसजी तुषार मेहता ने ये भी बताया कि 2007 की ही गाइडलाइंस को मार्च 2020 में भी दोहराया गया था, इसलिए अब नई गाइडलाइंस बनाने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि 11 सितंबर 2020 को केंद्र की ओर से इस मामले में हलफनामा दाखिल किया गया था. अब राज्यों को इस पर रिपोर्ट देनी थी.

Advertisement

इसके बाद चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा, हम जानते हैं कि ये राज्यों का विषय है. हम सुरक्षा के निर्देश नहीं दे सकते. हम चाहते हैं कि आप (केंद्र) राज्यों के साथ बैठकर तय करें कि आप सुरक्षा के लिए क्या कर सकते हैं?

वहीं, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, सवाल ये है कि क्या इन गाइडलाइंस का पालन नहीं हो रहा है और राज्य सरकारें किस हद तक जजों को कोर्ट परिसर में सुरक्षा दे पा रहीं हैं. आप केंद्र सरकार हैं. आप हर राज्य के डीजीपी से बात कर सकते हैं. उनसे रिपोर्ट मांग सकते हैं. ऐसा करने के लिए आप सही व्यक्ति हैं. 

राज्यों को लगाई फटकार...

जजों की सुरक्षा के मामले को लेकर अभी तक कई राज्यों की ओर से एफिडेविट दाखिल नहीं किया गया है. इस पर सीजेआई एनवी रमणा ने नाराजगी जाहिर की है. वहीं, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कुछ राज्यों ने CCTV लगाने की बात कही है. CCTV क्या कर लेगा? क्या ये जजों पर होने वाले हमले को रोक देगा? जजों पर होने वाले हमले को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है.

सीजेआई ने कहा, जिन राज्यों ने अभी तक एफिडेविट दाखिल नहीं किया है, उनके ऊपर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अगर 10 दिन के अंदर भी एफिडेविट नहीं फाइल किया जाता है तो चीफ सेक्रेटरी को यहां पेश होना होगा.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement