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दिल्ली में मेयर के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने 24 घंटे के अंदर मेयर का चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कहा है कि इस चुनाव में नामित सदस्य यानी एल्डरमैन वोट नहीं डाल सकेंगे. क्योंकि उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है. क्योंकि पार्टी लगातार एल्डरमैन द्वारा वोटिंग का विरोध कर रही थी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव के संबंध में AAP की मेयर कैंडीडेट शैली ओबेरॉय ने याचिका दायर की थी. इस याचिका में मनोनीत सदस्यों को मेयर के चुनाव में मतदान करने से रोकने के लिए मांग की गई थी. इसके साथ ही ओबेरॉय की याचिका में दिल्ली नगर निगम के सदन के प्रोटेम पीठासीन अधिकारी को भी हटाने की मांग की गई थी.
इस मामले में सोमवार को भी चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की थी. तब बेंच ने कहा था कि मनोनीत सदस्य चुनाव में नहीं जा सकते. संवैधानिक प्रावधान बहुत स्पष्ट है. वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से पेश हुए एएसजी संजय जैन ने बेंच से कहा कि जब तक कोर्ट इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं करती, तब तक चुनाव स्थगित किया जा सकता है.
कोर्ट के फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया भी आई है. उन्होंने ट्वीट किया, "SC का आदेश जनतंत्र की जीत. SC का बहुत बहुत शुक्रिया. ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा. ये साबित हो गया कि LG और बीजेपी मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं."
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसला का आम आदमी पार्टी ने स्वागत किया है. आप विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट करते हुए कहा, "दुख की बात है कि एलजी साहब के वकील एमसीडी में असंवैधानिक तरीकों पर जोर दे रहे थे. आशा है कि एलजी साहब और बीजेपी आज के माननीय सुप्रीम कोर्ट फैसले से सीख लेंगे. देश की शीर्ष अदालत का बहुत-बहुत धन्यवाद. भाजपा को दिल्ली के लोगों से माफ़ी माँगनी चाहिए. उन्होंने गुंडागर्दी करके चुनाव रोके, झूठ बोला , MCD के काम रोके, सभी दिल्ली वालों को तंग किया."