रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कारण, सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की बिगड़ती सेहत के कारण सजा को निलंबित करने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से राहत के लिए राजस्थान हाईकोर्ट जाने को कहा है. मुकुल रोहतगी ने कहा था कि आसाराम सरकारी वकील के सुझाव को स्वीकार करने को तैयार हैं कि वह पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के खोपोली में माधवबाग हार्ट हॉस्पिटल में इलाज करा सकते हैं.
पीटीआई के मुताबिक पीठ ने आसाराम से कहा कि वह माधवबाग हार्ट हॉस्पिटल में इलाज की अनुमति मांगने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर करने इस पर कानून के अनुसार विचार किया जाएगा. न्यायमूर्ति खन्ना ने मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ हाईकोर्ट के समक्ष अपनी अपील की सुनवाई में देरी करने के लिए आसाराम द्वारा जानबूझकर किए गए प्रयासों को भी चिह्नित किया.
शीर्ष अदालत ने उनकी अपील पर शीघ्र सुनवाई का निर्देश दिया जब रोहतगी ने कहा कि आसाराम को कई बार दिल का दौरा पड़ा है और वह उम्र से संबंधित अन्य बीमारियों के अलावा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव के साथ एनीमिया से पीड़ित हैं. वकील राजेश गुलाब इनामदार के माध्यम से दायर अपनी याचिका में, आसाराम ने कहा कि उन्होंने मामले में 11 साल और 7 महीने से अधिक की सजा काट ली है.
याचिका में कहा गया है, “यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया गया है कि याचिकाकर्ता असंख्य घातक स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित है, जिसमें हृदय रोग, हाइपोथायरायडिज्म, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव के साथ एनीमिया, सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया और मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, कोविड-निमोनिया और यूरोसेप्सिस आदि से पीड़ित हैं. आसाराम को इस्केमिक हृदय रोग और तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम का निदान किया गया है, जिसका अर्थ है कि उनके हृदय में ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति में कमी है."
बता दें कि 2018 में आसाराम को जोधपुर की एक विशेष POCSO अदालत ने बलात्कार सहित यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में है. लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 15 अगस्त, 2013 की रात आसाराम ने उसे जोधपुर के पास मणाई स्थित अपने आश्रम में बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया.