सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को गुरुवार को प्रभात गुप्ता हत्याकांड में बड़ा झटका दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अजय मिश्रा की हत्या के मामले में उनको बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर यूपी सरकार की अर्जी को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से प्रयागराज बेंच में ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया है.
चीफ जस्टिस की अगुआई वाली दो जजों की पीठ ने कहा कि अभी हाई कोर्ट के सामने ही गुहार लगाएं. कोर्ट ने दो टूक कहा कि वह इन पचड़ों में नहीं पड़ना चाहता है. 10 नवंबर लखनऊ पीठ के सामने यह मामला सुनवाई के लिए तय है. लिहाजा यह दलील वहीं रखी जाए.
वकील के स्वास्थ्य को लेकर दायर की है याचिका
चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस बेला माधुरी त्रिवेदी की पीठ को याचिकाकर्ता ने यह बताया कि मुकदमा स्थानांतरित करने की मांग इस आधार पर है कि जो सीनियर एडवोकेट इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के सामने इस मसले पर बहस करने वाले हैं, वह इलाहाबाद में रहते हैं. उनका स्वास्थ्य ऐसा नहीं है कि वो बार-बार लखनऊ आ-जा सकें. लिहाजा लखनऊ पीठ से यह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट की मुख्य पीठ के पास स्थानांतरित कर दिया जाए.
प्रभात हत्याकांड में ट्रायल कोर्ट ने 4 साल बाद 2000 में अजय मिश्रा टेनी को बरी कर दिया था. इसके बाद यूपी सरकार निचली अदालत के फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में चुनौती दी थी. इसी मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट की मुख्य पीठ के सामने स्थानांतरित करने की अर्जी अजय मिश्र टेनी की है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया है.
22 साल पहले तिकुनिया में हुआ था यह हत्याकांड
जानकारी के मुताबिक जुलाई 2000 को लखीमपुर के तिकुनिया में प्रभात गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में प्रभात के परिवार ने अजय मिश्रा टेनी, शशि भूषण, राकेश डालू और सुभाष मामा के खिलाफ केस दर्ज कराया था. 2004 में लखीमपुर की कोर्ट ने अजय मिश्रा को दोषमुक्त कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ प्रभात के परिवार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की थी.
इस मामले में हाई कोर्ट ने 10 नवंबर को सुनवाई होनी थी लेकिन टेनी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रधान पीठ को केस ट्रांसफर करने की अपील कर दी, लेकिन चीफ जस्टिस ने अगस्त 2022 में इस मांग को खारिज कर दिया था. इसके बाद टेनी ने केस ट्रांसफर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर दी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने फिर खारिज कर दिया.