scorecardresearch
 

कलकत्ता HC का फैसला- महिला किशोरों को यौन व्यवहार पर दें सलाह, सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर स्वत: लिया संज्ञान

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लिया है. जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी. कोर्ट ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हरेक किशोरी यानी बालिका को अपनी यौन इच्छाओं को नियंत्रित करना आना चाहिए.

Advertisement
X
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लिया है. जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी. कोर्ट ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हरेक किशोरी यानी बालिका को अपनी यौन इच्छाओं को नियंत्रित करना आना चाहिए. क्योंकि क्षणिक आनंद समाज की नजर में आपकी छवि पूरे जीवन भर के लिए बर्बाद कर देगा.

Advertisement

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि किशोरियों का कर्तव्य है कि वे यौन इच्छा पर नियंत्रण रखें. जस्टिस अभय ओका और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ कल मामले की सुनवाई करेगी. मामले का शीर्षक किशोरों की निजता का अधिकार है. अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले के उन पहलुओं पर स्वत: संज्ञान लिया है जहां उसने कहा था कि प्रत्येक महिला किशोरी का यह कर्तव्य और दायित्व है.

कोर्ट ने कहा कि उसके शरीर की अखंडता के अधिकार की रक्षा करें. उसकी गरिमा और आत्मसम्मान की रक्षा करें. लिंग संबंधी बाधाओं को पार कर अपने स्वयं के समग्र विकास के लिए प्रयास करें. इसके अलावा यौन आग्रह/आवेग पर नियंत्रण रखें क्योंकि समाज की नजरों में वह हारी हुई है जब वह बमुश्किल दो मिनट के यौन सुख का आनंद लेने के लिए तैयार हो जाती है. उसके शरीर की स्वायत्तता और उसकी निजता के अधिकार की रक्षा करें.

Live TV

Advertisement
Advertisement