तेलंगाना हाई कोर्ट ने बुधवार को बीजेपी से निलंबित विधायक टी राजा सिंह को बड़ी राहत दे दी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद टी राजा सिंह को रैलियां और प्रेस मीट न करने की शर्तों के साथ रिहा करने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट के अधिवक्ता करुणा सागर ने यह जानकारी दी. मालूम हो कि पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने टी राजा सिंह के खिलाफ पीडी एक्ट के तहत कार्रवाई की थी.
पैगंबर मोहम्मद को लेकर अगस्त में विवादित टिप्पणी करने के बाद टी राजा सिंह के खिलाफ कई शिकायतें दी गई थी. दबीरपुरा, भवानी नगर, रेनबाजार, मिरचौक पुलिस स्टेशनों में भारी संख्या में लोग शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे. गुस्साए लोगों ने बीजेपी MLA टी राजा सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था.
भारी विरोध के बाद हुए थे अरेस्ट
लोगों का कहना था कि उन्होंने एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, इस वजह से विधायक के खिलाफ लोगों में आक्रोश व्याप्त है. लोगों ने एमएलए की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी. इसके बाद लोगों का गुस्सा कंट्रोल करने के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. राजा सिंह के खिलाफ 295(ए) और 153 (ए) समेत दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया गया था.
टी राजा सिंह तेलंगाना के गोशमहल सीट से विधायक हैं. वह समुदाय विशेष के खिलाफ कई बार विवादित टिप्पणी कर चुके हैं. 2020 में नफरत फैलाने के आरोप में उन्हें फेसबुक और इंस्टाग्राम ने बैन भी कर दिया था.
कौन हैं राजा सिंह?
राजा सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1977 को हैदराबाद में हुआ था. उनकी पत्नी का नाम ऊषा बाई है. उनके तीन बेटे और एक बेटी है. 42 साल के राजा सिंह ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. वो 2009 से 2014 तक ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में कॉर्पोरेटर थे. राजा सिंह 2014 के चुनाव से पहले टीडीपी छोड़कर बीजेपी में आ गए. 2014 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता. उसके बाद 2018 में भी वो गोशमहल से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. 2015 में राजा सिंह एक पुलिस कॉन्स्टेबल के साथ बदसलूकी कर विवादों में आ गए थे.
उनका वीडियो वायरल हुआ था. शादी समारोह में जब पुलिस ने रात के 2 बजे बीजेपी नेता को तेज आवाज में म्यूजिक बनाने से रोका, तो राजा सिंह ने पहले तो उसके साथ गाली-गलौज की और फिर धक्का-मुक्की की. इस मामले में उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था. राजा सिंह खुद को 'गौ सेवक' बताते हैं. 2016 में जब हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी में बीफ फेस्टिवल होना था, तब उन्होंने धमकी दी थी कि गौ माता के लिए वो 'मरने और मारने' के लिए भी तैयार हैं. फिलहाल वह बीजेपी ने निलंबित कर दिए गए हैं.