उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (UP Aligarh) की जिला एवं सत्र न्यायालय की एडीजे तृतीय कोर्ट ने 2015 में हुए डबल मर्डर के मामले में 5 आरोपियों को दोषी ठहराया है. इनमें 5 को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि एक को आजीवन कारावास की सजा दी गई. सरकारी वकील के अनुसार, अलीगढ़ में 20 वर्ष बाद किसी मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है.
जानकारी के अनुसार, अलीगढ़ जिले के देहली गेट थाना इलाके के शाहजमाल महमूद नगर में 24 जुलाई 2015 को एक शादी समारोह के दौरान दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतकों के परिजन ने इस मामले में केस दर्ज कराया था. इस मामले के अनुसार, देहली गेट के शाहजमाल निवासी चंदा और लाल मस्जिद खैर रोड निवासी नौशे निवासी महमूद नगर रोरावर में एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. उसी समय शादी समारोह में डांस करते समय कुछ लोगों ने हमला कर दिया था. नौशे और चंदा पर अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी.
सरकारी अधिवक्ता कृष्ण मुरारी जौहरी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद शव को शादी वाले घर के बाहर गली में फेंककर हमलावर फरार हो गए थे. इस वारदात के बाद नौशे के बेटे राजा ने केस दर्ज कराया था. इसमें हमदर्द नगर सिविल लाइंस के एक अधिवक्ता गयासुद्दीन पर जमीनी विवाद में रुपए देकर हत्या करने का आरोप लगाया था. इसमें आसिफ, एहसान, वकील, कफील व भूरा नामजद थे. इसी मामले में एडीजे तृतीय राजेश भारद्वाज की अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया. इसमें कफील, भूरा, आसिफ, एहसान और अमित ठाकुर को फांसी की सजा सुनाई. वहीं वकील गयासुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.