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उपहार सिनेमा अग्निकांड: अंसल बंधुओं की रिहाई के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा मामला

दिल्ली पुलिस ने अंसल बंधुओं को रिहा करने के ट्रायल कोर्ट के 19 जुलाई, 2022 के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. निचली आदालत ने अंसल बंधुओं को रिहा करने के आदेश के साथ कहा था कि उनकी लगभग आठ महीने की सजा उस अवधि में पूरी हो चुकी है, जिसे वे पहले ही जेल में बिता चुके हैं.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय की है
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय की है

उपहार सिनेमा अग्निकांड में सबूतों के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी पाए गए अंसल बंधुओं की सजा 7 साल से घटाकर आठ महीने करने के निचली अदालत के आदेश को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुशील और गोपाल अंसल के साथ-साथ हादसा पीड़ितों के संगठन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले पर 13 अप्रैल को हाईकोर्ट सुनवाई करेगी.

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दरअसल, दिल्ली पुलिस ने अंसल बंधुओं को रिहा करने के ट्रायल कोर्ट के 19 जुलाई, 2022 के आदेश को चुनौती दी है. जिसमें अंसल बंधुओं को रिहा करने के आदेश के साथ कहा गया था कि उनकी लगभग आठ महीने की सजा उस अवधि में पूरी हो चुकी है, जिसे वे पहले ही जेल में बिता चुके हैं. न्यायमूर्ति ए.जे भंभानी ने अंसल बंधुओं, कोर्ट के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और अंसल के पूर्व कर्मचारी पी.पी बत्रा को नोटिस जारी किया है और उनसे पुलिस की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है. 

इसके साथ ही कोर्ट ने उपहार त्रासदी के पीड़ितों के संघ (एवीयूटी) को भी जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय की है. वहीं हाईकोर्ट ने रिविजन पिटिशन दायर करने में देरी के लिए दिल्ली पुलिस को फटकार भी लगाई है. 13 जून, 1997 को उपहार सिनेमा में हिंदी फिल्म 'बॉर्डर' की स्क्रीनिंग के दौरान भीषण आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की घुटकर मौत हो गई थी.

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बता दें कि एक मजिस्ट्रियल कोर्ट ने 8 नवंबर, 2021 को अंसल बंधुओं को सात साल की जेल की सजा सुनाई थी और तब से वे जेल में थे. वहीं जिला जज ने 19 जुलाई, 2022 को सजा पर मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को संशोधित किया था और अंसल बंधु, अदालत के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और अंसल के तत्कालीन कर्मचारी पीपी बत्रा को रिहा करने का निर्देश दिया था. 

निचली कोर्ट के आदेश के मुताबिक वे 8 नवंबर, 2021 से जेल में रहकर आठ महीने की सजा पूरी कर चुके थे. हालांकि, जिला जज ने सुशील और गोपाल अंसल पर मजिस्ट्रेटी कोर्ट द्वारा लगाए गए 2.25 करोड़ रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा था और अन्य दो पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. अब इस आदेश को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई 13 अप्रैल 2023 को की जाएगी.

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