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शैंपेन से सेलिब्रेशन से पहले यह जान लीजिए वर्ना फजीहत हो सकती है...

How to Open Champagne Bottle: शैंपेन की बोतल ओपन करके जश्न मनाने की तस्वीरें आपने कई बार देखी होंगी. शैंपेन वाले जश्न की परंपरा अब उच्च मध्यमवर्गीय परिवारों और सार्वजनिक कार्यक्रमों का भी हिस्सा बन रही है. लेकिन शैंपेन खरीद लेने भर से आपके सेलिब्रेशन की तैयारियां पूरी नहीं होंगी. आपको शैंपेन सेलिब्रेशन से पहले कुछ चीजें इस ड्रिंक के बारे में पता होनी चाहिए.

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Champagne Celebration
Champagne Celebration

बड़ी हस्तियों को हम सबने कभी न कभी शैंपेन की बोतल ओपन करके जश्न मनाते हुए जरूर देखा होगा. एक वक्त था, जब शैंपेन स्टेटस सिंबल हुआ करता था और इसे खरीदना आम लोगों के बस की बात नहीं थी. लेकिन अब यह कुछ सस्ता हो चुका है और आसानी से उपलब्ध भी, इसलिए धीमे-धीमे शैंपेन वाले जश्न की परंपरा अब उच्च मध्यमवर्गीय परिवारों और सार्वजनिक कार्यक्रमों का भी हिस्सा बन रही है. हालांकि, शैंपेन खरीद लेने भर से आपके सेलिब्रेशन की तैयारियां पूरी नहीं होंगी. आपको सबसे पहले इस एल्कॉहलिक ड्रिंक से जुड़ी कुछ मूलभूत बातें समझनी होंगी. ऐसा न होने पर न केवल आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है, बल्कि लोगों के बीच किरकिरी होने का खतरा भी है. ऐसा क्यों है, आइए समझते हैं. 

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शैंपेन है क्या, पहले यह समझ लीजिए 
शैंपेन एक तरह की वाइन ही है. दरअसल, साधारण वाइन में किसी तरह के बुलबुले नहीं होते. हालांकि, जब इसमें चमक और बुलबुले हों तो ये वाइन शैंपेन की श्रेणी में आ सकती है. ये कुछ ऐसा ही है जैसे साधारण पानी में कार्बन डाई ऑक्साइड मिलने पर वो सोडा या स्पार्कलिंग वॉटर बन जाता है, ठीक वैसे ही चमक और बुलबुलों से लैस स्पार्कलिंग वाइन शैंपेन कहला सकती है. यहां एक अहम बात ये है कि सभी शैंपेन एक किस्म की स्पार्कलिंग वाइन हैं, लेकिन सभी स्पार्कलिंग वाइन को शैंपेन नहीं कहा जा सकता. तो शैंपेन आखिर है क्या? वो स्पार्कलिंग वाइन, जिसका निर्माण फ्रांस की ही राजधानी पेरिस के बाहरी इलाके 'शैंपेन रीजन' में हुआ हो, शैंपेन कहलाती है. यानी फ्रांस के 'शैंपेन रीजन' में कुछ प्रक्रियाओं से बनी स्पार्कलिंग वाइन ही शैंपेन कहला सकती है. यह कुछ वैसा ही है, जैसे स्कॉटलैंड में बनी व्हिस्की को ही स्कॉच कहा जा सकता है. 

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Champagne

शैंपेन के नाम पर स्पार्कलिंग वाइन तो नहीं खरीदी?
यह तो साफ है कि फ्रांस का शैंपेन रीजन पूरी दुनिया की जरूरत को पूरा नहीं कर सकता. शैंपेन उत्पादन की मात्रा सीमित है और इसे तैयार करने में काफी वक्त (औसतन 18 से 30 महीने) लगता है, इसलिए ये काफी महंगी है. ऐसे में पूरी दुनिया में इसके विकल्प के तौर पर स्पार्कलिंग वाइन इस्तेमाल होती है. जिनके लिए शैंपेन महंगी है, वे सेलिब्रेशन में सस्ते विकल्प के तौर पर 'स्पार्कलिंग वाइन' भी इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, कई बार शैंपेन की खास समझ न रखने वालों को दुकानदार स्पार्कलिंग वाइन दे देते हैं. स्पार्कलिंग वाइन भी अच्छी क्वॉलिटी की आती हैं, लेकिन फ्लेवर और कीमत में ये महंगे शैंपेन के सामने नहीं टिकतीं. इसलिए खरीदने से पहले यह जरूर चेक कर लीजिएगा कि आपने शैंपेन खरीदी है या स्पार्कलिंग वाइन. स्पार्कलिंग वाइन की कीमत के कम होने की वजह इसमें इस्तेमाल अंगूर की क्वॉलिटी का थोड़ा कमतर होना और बनाने की विधि भी है. 

शैंपेन और स्पार्कलिंग वाइन में अंतर समझिए 
इस फर्क को एक आसान उदाहरण से समझ सकते हैं. जैसे दार्जिलिंग चाय का कनेक्शन बंगाल के एक खास क्षेत्र में हुए उत्पादन से है, वैसा ही संबंध शैंपेन का फ्रांस के एक खास इलाके 'शैंपेन रीजन' से है. यानी देश के विभिन्न हिस्सों में कितनी भी अच्छी चाय मिले लेकिन उसे दार्जिलिंग टी तो नहीं ही कहा जा सकता. शैंपेन रीजन के बाहर बने इस एल्कॉहलिक ड्रिंक को आम तौर पर स्पार्कलिंग वाइन ही कहा जाता है. हालांकि, इटली के वेनेटो क्षेत्र में बने स्पार्कलिंग वाइन को प्रोसेको (Prosecco) जबकि स्पेन में बने स्पार्कलिंग वाइन को कावा (Cava) कहते हैं. वहीं, ऑस्ट्रिया और जर्मनी में बनी स्पार्कलिंग वाइन को सेक्त (Sekt) कहते हैं. भारत में भी कई कंपनियां स्पार्कलिंग वाइन का उत्पादन करती हैं. 

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Wine

तो शैंपेन की पहचान कैसे करें?
जो स्पार्कलिंग वाइन फ्रांस के उस खास इलाके के बाहर बनी हैं, उनका बोतल पर शैंपेन लिखना गैरकानूनी है. ऐसे में अगर शैंपेन जैसी बोतल पर शैंपेन नहीं लिखा तो समझ लीजिए कि वो स्पार्कलिंग वाइन है. एक खास बात और भी है. शैंपेन बनाने में कुछ खास नियमों और प्रक्रिया का पालन करना होता है. वहीं, इनको बनाने के लिए मुख्य तौर पर तीन तरह के अंगूर Pinot noir, Pinot meunier और Chardonnay का ही इस्तेमाल होता है. बोतल पर शैंपेन लिखे होने के अलावा इनकी जानकारी भी दर्ज होती है. अगर महंगे शैंपेन को पैमाने में परोस दिया गया हो तो पहचान का तरीका यही है कि इसमें ड्रिंक के बीचों बीच बेहद बारीक बुलबुले उठते नजर आएंगे. स्पार्कलिंग वाइन में बुलबुले बड़े और कुछ-कुछ सोडा वॉटर जैसे नजर आते हैं. 

शैंपेन को ओपन करना सीख लीजिए 
बोतल में शैंपेन बेहद उच्च दबाव पर भरी होती है. इसलिए हमने अक्सर देखा होगा कि खुलने  पर इसकी कॉर्क बेहद तेजी से निकलता है और साथ में बहुत सारा ड्रिंक भी निकलकर बिखर जाता है. यहां यह बेहद ध्यान देने वाली बात है कि शैंपेन को खोलने का सही तरीका आपको पता होना चाहिए. जरा सी लापरवाही आपको या आपके आस-पास खड़े लोगों को चोटिल कर सकती है. दरअसल, शैंपेन की बोतल पर लगा कॉर्क इतनी तेजी से बाहर आता है कि इससे घायल होने की आशंका बनी होती है. इसलिए अलावा, लापरवाही से खोलने पर बहुत सारी शैंपेन बिखरकर यूं ही खराब हो जाती है. इसलिए जब भी शैंपेन की बोतल सामने आए तो बेहद सावधानी बरतें. शैंपेन को ओपन करने का सही तरीका क्या है, इसे आप नीचे वीडियो में समझ सकते हैं. 

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कैसे परोसें शैंपेन?
बोतल ओपन होने के बाद शैंपेन को परोसने और पीने भी एक कला है. शैंपेन बोतल ओपन करने से पहले ध्यान रखें कि ये ठंडी हो. इतनी ठंडी भी नहीं कि बर्फ जमने की नौबत आ जाए. भूलकर भी बोतल को फ्रिजर में न डालें. वाइन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बेहतरीन फ्लेवर के एहसास के लिए शैंपेन बोतल का 8-10 डिग्री सेल्सियस तापमान होना परफेक्ट है. एक तरीका यह भी है कि परोसने से आधे घंटे पहले बोतल को एक आइस बकेट में डाल दें जिसमें पानी और बर्फ पड़ी हो. ठंडी शैंपेन को अच्छे वाइन गिलास में ही परोसें. फ्लूट्स गिलास हों तो बेहतर क्योंकि शैंपेन पीने के लिए पूरी दुनिया में ये सबसे ज्यादा चलन में हैं. शैंपेन को जिस वाइन गिलास में परोसा गया हो, उसे स्टेम यानी नीचे वाले पतले हिस्से से पकड़ें. ऊपर से पकड़ने पर आपके हाथ की गर्मी शैंपेन में ट्रांसफर हो जाएगी और जायका खराब हो सकता है. वाइन गिलास बिलकुल सूखे हों वर्ना गिलास की पानी की कुछ बूंदें शैंपेन का जायका बिगाड़ सकती हैं. गिलास में शैंपेन धीमे-धीमे डालें और झाग के बैठने का इंतजार करें. झाग सेटल हो जाए तो फिर और ड्रिंक डालें. गिलास को पूरा न भर दें, थोड़ी सी जगह छोड़ दें.

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Flute Glass

(Disclaimer: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी देने के मकसद से है. इसका मकसद शराब पीने को बढ़ावा देना बिलकुल नहीं है.)

 

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