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ये आदतें आपको बना सकती हैं डायबिटीज का मरीज! तुरंत कर लें इनसे तौबा

गलत खानपान की वजह डायबिटीज बीमारी हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. खराब जीवनशैली टाइप 2 डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर समेत दिल की बीमारी को दावत देने के साथ ही शरीर की ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करती है. अगर हम अच्छी डाइट लेते हैं और फिजिकल एक्टिविटी करते हैं तो इस बीमारी से बचा जा सकता है.

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ये सात आदतें आपको बना सकती है डायबिटीज का मरीज
ये सात आदतें आपको बना सकती है डायबिटीज का मरीज

भारत में डायबिटीज सबसे आम बीमारियों में शामिल हो चुकी है. इसके मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. डॉक्टरों का कहना है कि इतनी तेजी से डायबिटीज के मरीज बढ़ने की वजह लोगों की सुस्त लाइफस्टाइल, गलत खान-पान और कुछ गलत आदतें हैं. आंकड़ों के अनुसार, देश में लगभग 7.7 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और ये संख्या लगातार बढ़ रही है. टाइप 1 डायबिटीज जेनेटिक होती है जो आपको आपके परिवार से मिल सकती है लेकिन टाइप 2 डाइबिटीज लोगों के गलत खानपान और रहन-सहन की वजह से होती है जिसे कंट्रोल जा सकता है.

किसी भी बीमारी से बचने के लिए उसके कारणों को जानना बेहद जरूरी है इसलिए इस खबर में हम उन कारकों के बारे में बताएंगे जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ाते हैं. अगर आप भी डायबिटीज से बचे रहना चाहते हैं तो इन फैक्टरों को अच्छी तरह जान लें और आज से ही इन्हें छोड़ने की ठान लें.

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1.सुस्त जीवनशैली

आराम करना किसको पसंद नहीं होता? हर कोई चाहता है कि वो सोफे या बेड पर आराम से लेटे-लेटे मूवीज और वेबसीरीज के मजे लेता रहे लेकिन लंबे समय तक यह मजा सजा बन सकता है और सेहत पर बेहद बुरा असर डाल सकता है. लंबे समय तक बैठे या लेटे रहने और कोई शारीरिक गतिविधि ना करने से दिल, फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है. अध्ययनों से पता चला है कि टाइप 2 डायबिटीज से होने की आंशका उन लोगों में अधिक होती है जो पूरा दिन बैठे-बैठे या लेटे हुए बिताते हैं.

2. हाई कैलोरी वाली डाइट

अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन करने से वजन बढ़ता है और टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा भी होता है. कोई भी व्यक्ति दिन में जितना काम करता है उसे उतनी ही मात्रा में कैलोरी का सेवन करना चाहिए. अगर कोई शख्स ऐसा काम करता है जिसमें ज्यादा शारीरिक गतिविधि नहीं होती तो उसे कम कैलोरी वाला आहार लेना चाहिए.

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3. एक्सरसाइज ना करना

कई रिसर्च में ये सामने आया है कि कसरत से शरीर का रिस्पायरेटरी सिस्टम (श्वसन तंत्र) दुरुस्त रहता है लेकिन अगर आपके परिवार में डायबिटीज से पीड़ित लोग हैं तो एक्सरसाइज करने से इसका जोखिम कम हो सकता है. ऐसे लोगों में ना केवल डायबिटीज के लक्षण देर से शुरू होते हैं बल्कि इससे रोगियों में शुगर लेवल के स्तर को बनाए रखने में भी मदद मिलती है. इसलिए सभी को हफ्ते में कम से कम 150 मिनट या पांच दिन वर्कआउट जरूर करना चाहिए.

4. शराब और धूम्रपान का सेवन

अत्यधिक धूम्रपान और शराब का सेवन सीधे हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से जुड़ा है. धूम्रपान ब्लड वेसल्स पर असर डालता है और धमनियों को संकुचित करता है जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा होता है और इससे डायबिटीज का भी खतरा होता है. अत्यधिक शराब पीने से फैटी लीवर की परेशानी शुरू हो जाती है जो आगे चलकर डायबिटीज को बुलावा देती है इसलिए इन चीजों से दूर रहें.

5. पोषण की कमी

आवश्यक मैक्रो और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी कई बीमारियों को पैदा करती है और पूरी हेल्थ को प्रभावित कर सकती है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि पत्तेदार साग, वीगन और मेडीटेरियन डाइट डायबिटीज की शुरुआत को टाल सकती है. साथ ही लंबे समय तक विटामिन डी की कमी भी मधुमेह के खतरे को बढ़ाती है. प्रोटीन, फाइबर, जरूरी फैट्स और कार्बोहाइड्रेट से युक्त एक हेल्दी डाइट शरीर में ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार है.

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6. मोटापा

लिवर और शरीर के अंदरूनी अंगों में जमा होने वाला फैट, विसरल फैट कहलाता है जिसका इंसुलिन रेजिस्टेंस से संबंध पाया गया है. इससे व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है जिससे आगे चलकर डायबिटीज का खतरा होता है. वहीं, लोअर बॉडी इंडेक्स वाले लोगों को ये जोखिम कम रहता है.

7. तनाव

तनाव शरीर और दिमाग दोनों के काम करने के मैकेनिज्म को गड़बड़ करता है जिससे मोटापा, इंसुलिन रेजिस्टेंस और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. नींद की कमी भी इस परेशानी को बढ़ा सकती है इसलिए कसरत, मेडिटेशन और पौष्टिक आहार का सेवन करने के साथ लोगों को तनाव से दूर रहना चाहिए.


 

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