
शराब पीने-पिलाने को लेकर कई तरह की भ्रांतियां भी हैं. 'ऐसा करना चाहिए', 'वैसा नहीं करना चाहिए' जैसी हिदायतें सामने वाले को बिना मांगे दी जाती हैं लेकिन अधिकतर लोगों को असल सच्चाई नहीं पता होती. भारतीय शराब प्रेमियों के बीच भी एक ऐसी ही भ्रांति बरसों से है. रम के मुरीद अक्सर ये सलाह देते दिखाई देते हैं कि कि गर्मियों में रम नहीं पीनी चाहिए. ऐसा मानने वालों के मुताबिक, रम सिर्फ जाड़े के मौसम में ही पीनी चाहिए क्योंकि यह शरीर को गर्माहट देती है. तो क्या गर्मियों में इसे पीना नुकसानदायक है? जानकार मानते हैं कि रम भले ही सर्दियों में खास सुकून दे लेकिन गर्मियों में इसे पीने से रत्ती भर का कोई नुकसान नहीं है. और तो और, पूरी दुनिया में लोग हर मौसम में इसका लुत्फ उठाते हैं. तो सच्चाई क्या है? बरसों से लोग इसे सर्दियों में पीने से रोकते क्यों आए हैं? आइए जानते हैं.
रम को बनाने में मोलेसेज या शीरे का इस्तेमाल होता है. यह गन्ने के रस से चीनी बनाते वक्त गहरे रंग का बाई प्रोडक्ट होता है, जिसके फर्मेन्टेशन के बाद रम तैयार होती है. रम मुख्य तौर पर दो तरह की होती हैं. एक वाइट रम और दूसरा डार्क रम. वाइट रम में मोलेसेज को अलग से नहीं मिक्स किया जाता. इसलिए इसका रंग पारदर्शी होता है और कई तरह के मशहूर कॉकटेल्स बनाने में इसका इस्तेमाल होता है, जिनकी पूरे साल डिमांड रहती है. कॉकटेल्स इंडिया यूट्यूब चैनल के संस्थापक संजय घोष बताते हैं कि डार्क रम तैयार करते वक्त इसमें अलग से मोलेसेज ऐड करके प्रॉसेस किया जाता है. ऐसा उसे खास गहरा रंग और फ्लेवर देने के लिए किया जाता है. इस तरह से डार्क रम में एक्स्ट्रा कैलरी होती है, जो सर्दियों के मौसम में पीने पर अतिरिक्त गर्माहट देती है. घोष कहते हैं कि इसका कतई मतलब यह नहीं है कि गर्मियों में रम नहीं पी जा सकती.
घोष के मुताबिक, पूरी दुनिया में रम बेहद मशहूर ड्रिंक है. बेहद गर्म आबोहवा वाले देशों जैसे वेस्ट इंडीज, क्यूबा, जमैका, इंडिया समेत कई एशियाई देशों में यह पूरे साल पी जाती है. घोष के मुताबिक, रम पहली बार वेस्ट इंडीज में ही तैयार की गई थी. अगर इसे गर्मियों में पीने से कोई दिक्कत होती तो वेस्ट इंडीज जैसे गर्म देश में यह क्यों इतनी मशहूर होती. ऐसे में भारतीय क्यों सोचते हैं कि गर्मियों में रम नहीं पीनी चाहिए?
घोष बताते हैं कि आयुर्वेद में फलों और सब्जियों की तासीर भी ठंडी या गर्म बताई गई है. उदाहरण के तौर पर बादाम, प्याज, लहसुन आदि की तासीर गर्म मानी जाती है जबकि खीरा, तरबूज को ठंडी चीजें माना जाता है. घोष के मुताबिक, बीतते वक्त के साथ आयुर्वेद पद्धति के कुछ स्वयंभू जानकारों ने रम की तासीर गर्म बताते हुए इसे गर्मियों में पीने से मना कर दिया. हालांकि, ऐसा करने से कोई नुकसान नहीं है.