आम तौर पर लोग व्हिस्की खरीदते वक्त उसके ब्रांड या कीमत को तरजीह देते हैं. हालांकि, इसकी बोतल पर कई ऐसी सूचनाएं छपी होती हैं, जिसे ये लोग पढ़कर भी नजरअंदाज कर देते हैं. ये जानकारियां शराब की गुणवत्ता और उसे बनाने के तरीके से जुड़ी होती हैं. जो शराब न भी पीते हों, वे भी दैनिक जीवन में दूसरों से इससे जुड़े आम बोलचाल के शब्द मसलन 'सिंगल मॉल्ट', 'ब्लेंडेड', 'स्कॉच', 'बरबन' आदि के बारे में सुनते रहते हैं लेकिन इनका मतलब जानने की जहमत नहीं उठाते. शराब से दूरी बरतना बहुत अच्छी बात है लेकिन इससे जुड़ी जानकारियों से नहीं. आइए जानते हैं व्हिस्की से जुड़ी कुछ बेहद सामान्य लेकिन बेहद दिलचस्प बातें.
इतनी तरह की व्हिस्की! चक्कर क्या है
व्हिस्की एक ऐसी शराब है, जिसमें जौ, गेहूं, मक्का, गेहूं जैसे अनाजों को fermentation और बाद में distillation की प्रक्रिया से गुजारकर तैयार किया जाता है. व्हिस्की पूरी दुनिया में सबसे स्वीकार्य एल्कॉहलिक ड्रिंक है. इसमें एल्कॉहल की तीव्रता आम तौर पर 40-42 प्रतिशत होती है. व्हिस्की के एक से बढ़कर एक प्रकार हैं, जिनको एक बार में याद रखना भी मुश्किल है. हालांकि, इनका वर्गीकरण मुख्य तौर पर दो तरीके से कर सकते हैं. एक बनाने के तरीके के आधार पर और एक उत्पादन क्षेत्र के आधार पर. उत्पादन क्षेत्र यानी व्हिस्की को किस देश या क्षेत्र में बनाया गया है. व्हिस्की से जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि इसकी स्पेलिंग भी देश और इलाकों पर आधार पर बदल जाती है. मसलन, स्कॉटलैंड, कनाडा, जापान या भारत में इसकी स्पेलिंग‘whisky’ होती है लेकिन आयरलैंड और अमेरिका में बनी व्हिस्की की स्पेलिंग‘whiskey’ होती है.
स्कॉच, बरबन का क्या मतलब
क्षेत्र के आधार पर व्हिस्की का वर्गीकरण देखें तो इससे जुड़ा सबसे कॉमन और लोकप्रिय प्रकार है स्कॉच (Scotch). तैयार करने की एक खास प्रक्रिया के अलावा किसी व्हिस्की का स्कॉच कहलाने के लिए यह जरूरी है कि उसे स्कॉटलैंड में ही बनाया गया हो. उसी तरह, आयरलैंड में तैयार व्हिस्की IRISH WHISKEY कहलाती है. क्षेत्र के आधार पर व्हिस्की का एक प्रकार बरबन (Bourbon) है. यानी जो व्हिस्की अमेरिका के केंटुकी क्षेत्र के खास इलाके में तैयार की होती हो, उसे बरबन कह सकते हैं. इससे मिलती जुलती ही एक अन्य टेनिसी (Tennessee) व्हिस्की है. अमेरिका के टेनिसी क्षेत्र में तैयार किए जाने की वजह से इसका यह नाम पड़ा है. इसी तरह जापान और कनाडा में बनी व्हिस्की को Japanese whisky और Canadian whisky कहते हैं.
सिंगल मॉल्ट, ब्लेंडेड व्हिस्की में क्या फर्क
व्हिस्की को बनाने के तरीके के आधार पर यह मुख्य तौर पर तीन तरह के हो सकते हैं. पहला ग्रेन व्हिस्की (GRAIN WHISKY) यानी वो शराब जिसे बनाने में मक्का या गेहूं या दोनों का इस्तेमाल किया गया हो. वहीं, सिंगल मॉल्ट व्हिस्की (SINGLE MALT WHISKY) सबसे प्रीमियम किस्म है. इसका उत्पादन सिंगल डिस्टिलरी में ही होता है और इसे बनाने में किसी एक ही तरह के अनाज का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह की व्हिस्की अमूमन सबसे ज्यादा स्कॉटलैंड में बनती हैं. सिंगल मॉल्ट के फ्लेवर की पूरी दुनिया मुरीद है, इसलिए ये काफी महंगे होते हैं. व्हिस्की का तीसरा प्रकार ब्लेंडड (BLENDED WHISKY) कहलाता है. ब्लेंडेड यानी जिसमें सिंगल मॉल्ट व्हिस्की, ग्रेन व्हिस्की और अन्य प्रकार की की व्हिस्की मिक्स हों. चूंकि, ग्रेन व्हिस्की सस्ती होती हैं और सिंगल मॉल्ट महंगी, इसलिए आम तौर पर दोनों को मिक्स करके अपेक्षाकृत कम कीमत पर थोड़ी बेहतर क्वॉलिटी की व्हिस्की तैयार की जाती है. भारत में भी ब्लेंडेड व्हिस्की काफी तैयार की जाती हैं.
स्कॉच और दुनिया की बाकी व्हिस्कियों में क्या फर्क
स्कॉच व्हिस्की को तैयार करने के लिए उसे ओक (Oak)की लकड़ी से बने पीपों में कम से कम 3 साल तक रखा जाता है. पीपे भी ऐसे होते हैं जिनमें पहले कोई दूसरी शराब रखी जा चुकी हो. वहीं, स्कॉच से उलट अन्य व्हिस्कियों को साधारण वाइट ओक के पीपों में रखा जाता है. स्कॉच को बनाने में आम तौर पर सिर्फ एक अनाज जौ यानी माल्टेड बार्ले (malted barley) का इस्तेमाल होता है. वहीं, अन्य व्हिस्कियों को बनाने के लिए कई तरह के अनाज मसलन जौ, गेहूं, मक्का का इस्तेमाल होता है. आम व्हिस्कियों के उलट स्कॉच में ड्राई फ्रूट्स, वनीला, कारमेल और स्मोक के काफी जटिल फ्लेवर मिक्स्ड होते हैं. ये पीने में काफी स्मूथ होते हैं और अपेक्षाकृत काफी महंगे भी. वाइन एक्सपर्ट इसे बिना कुछ मिलाए सीधे नीट पीने की सलाह देते हैं.
(यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी देने के लिए है. इसका मकसद शराब पीने को बढ़ावा देना बिलकुल भी नहीं है.)