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भारत में सोडे के साथ शराब पीना बेहद आम है. कहते हैं कि भारत में इस चलन की शुरुआत अंग्रेजों ने की थी. आज भी बार-पब में व्हिस्की को पानी और सोडा के साथ परोसा जाना बेहद लोकप्रिय है, जिसे व्हिस्की हाईबॉल भी कहते हैं. भारत में तो इस कॉम्बिनेशन को नेशनल ड्रिंक जैसा दर्जा हासिल है. सोडे और शराब की जोड़ी को और मजबूत करने में एक बड़ा योगदान हमारी शराब कंपनियों और बॉलीवुड का भी है. सीधे तौर पर शराब का विज्ञापन करने की मनाही है, इसलिए शराब बनाने वाली कंपनियों ने इसका तोड़ निकालते हुए दिग्गज सेलिब्रिटीज़ से सोडे का प्रचार करवाना शुरू कर दिया. अब हालात ये हैं कि बहुत सारे लोग सोडे के बिना शराब पीने की कल्पना भी नहीं कर सकते. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि शराब को सोडा और कोक के साथ मिलाकर पीना बेहद खतरनाक है?
शराब में सोडा या कोक क्यों मिलाते हैं भारतीय
दुनिया के अधिकतर देशों में शराब नीट ही पी जाती है. जानकार मानते हैं कि व्हिस्की या दूसरी किस्म की शराब में पानी या दूसरे तरल पदार्थ मिलाने से इसका असल फ्लेवर खराब हो जाता है. हालांकि, शराब की कड़वाहट कम महसूस हो, इसलिए भारत में लोग सोडा, कोल्ड ड्रिंक, जूस और न जाने क्या-क्या मिलाकर शराब पिया करते हैं. सोडा आसानी से उपलब्ध है, यह सस्ता है और इसमें मिला हुआ कार्बन डाई ऑक्साइड अल्कॉहल को बुलबुले वाला खूबसूरत टेक्स्चर देता है. और तो और, सोडे में मिला कार्बन डाई आक्साइड हमारे खून में घुलकर हमें नशे का तुरंत एहसास कराता है. शायद यही वजह है कि शराब के साथ सोडा भारत में इतना चलन में है.
शराब में सोडा मिलाना क्यों खतरनाक
जानकार मानते हैं कि कभी-कभार के लिए तो ठीक है, लेकिन शराब का नियमित तौर पर सोडे के साथ सेवन काफी खतरनाक साबित हो सकता है. दरअसल, सोडे को शरीर बेहद आसानी से ग्रहण कर लेता है. शराब पीते ही हमारे खून में सोडे का कॉर्बन डाई ऑक्साइड बेहद तेजी से घुलमिल जाता है. इसलिए हमें नशा भी तेजी से होता है. हालांकि, सोडे में फास्फोरिक एडिड भी होता है, जो शरीर में मौजूद कैल्शियम का क्षरण करता है और बाद में यह कैल्शियम यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकलता जाता है. कैल्शियम के इस तरह घुलकर शरीर से निकल जाने से हमारी हड्डियां वक्त के साथ नर्म पड़ते हुए कमजोर होने लगती हैं.
कोल्ड ड्रिंक भी कम नुकसानदायक नहीं
कोल्ड ड्रिंक में सोडे के अलवा चीनी बहुत ज्यादा मात्रा में होती है. यह हमारे खून में शुगर के लेवल को बहुत ज्यादा बढ़ा देता है. इसके अलावा, शुगर की वजह से हमारे शरीर द्वारा एल्कॉहल को सोखने की प्रक्रिया धीमी पड़ने लगती है. एक स्टडी के मुताबिक, बिना कुछ मिलाए शराब पीने वालों के मुकाबले में सॉफ्ट ड्रिंक मिलाकर पीने वालों में ब्लड एल्कॉहल कॉन्सनट्रेशन 18 प्रतिशत ज्यादा पाई गई. इन कोल्ड ड्रिंक्स में कैफीन भी काफी होती है. एल्कॉहल और कैफीन विपरीत ढंग से काम करती हैं. एल्कॉहल जहां लोगों को सुस्त बनाती है, वहीं कैफीन सुस्ती को खत्म करते हुए नींद भगाने में मदद करती है. ऐसे में कैफीन और शराब, दोनों एक साथ शरीर में जाना बेहद नुकसानदायक है. जानकार मानते हैं कि नियमित तौर पर कोल्ड ड्रिंक के साथ शराब पीने वालों को डीहाईड्रेशन और हैंगओवर की समस्याएं भी हो सकती हैं.