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काटने के बाद क्यों बदल जाता है आलू-सेब जैसे फल सब्जियों का रंग, जानें वजह

Enzymatic Browning: लोगों के दिमाग में आम धारणा है कि फल या सब्जी में पाए जाने वाले आयरन के चलते इनका रंग लाल होने लगता है, जो बिल्कुल गलत है. अगर इस धारणा पर गौर करें तो अनार कटने के बाद काला हो जाना चाहिए, जिसमें अच्छी तादाद में आयरन पाया जाता है. लेकिन ऐसा नहीं होता. तो क्या है कटे फल-सब्जियों के भूरे होने की वजह. आइये जानते हैं..

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Why apples turn brown after cutting (Photo-Pexels)
Why apples turn brown after cutting (Photo-Pexels)

रोजमर्रा की जिंदगी में आपने भी देखा होगा कि आलू, सेब, बैंगन जैसे कई फल-सब्जियां कटने के बाद रंग बदलने लगते हैं. जितनी देर ये खुले में रहते हैं, इतना ही इनका रंग गहरा होता जाता है. इसके पीछे लोगों के दिमाग में आम धारणा है कि फल या सब्जी में पाए जाने वाले आयरन के चलते इनका रंग भूरा होने लगता है, जो बिल्कुल गलत है. अगर इस धारणा पर गौर करें तो अनार कटने के बाद काला हो जाना चाहिए, जिसमें अच्छी तादाद में आयरन पाया जाता है. लेकिन ऐसा नहीं होता. तो क्या है कटे फल-सब्जियों के भूरे होने की वजह. आइये जानते हैं..

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ये तो तय है कि फल और सब्जियों को काटने के बाद भूरे होने की वजह उनमें आयरन होना नहीं है. दरअसल, इसके पीछे एक साइटिफिक क्रिया है, जिससे कटने के बाद इनका रंग गहरा होने लगता है. इस क्रिया का नाम है Enzymatic Browning. जिसमें फल के हवा के संपर्क में आने पर के कारण एक रिएक्शन शुरू होता है. जिससे फल-सब्जियों का रंग गहरा होने लगता है.

क्या है Enzymatic Browning?

एंजाइमिक ब्राउनिंग एक ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया है जो कुछ खाद्य पदार्थों, ज्यादातर फलों और सब्जियों में होती है, जिससे ये भूरे हो जाते हैं. दरअसल, हवा में ऑक्सीजन होती है और फलों में कोशिकाओं में फिनोल और एंजाइम फिनोलस पाए जाते हैं और जब ये हवा में ऑक्सीजन के संपर्क में आते हैं, तो एक रिएक्शन होता है, इसमें फिनोलेज़ फिनोल को मेलेनिन में बदल देता है, जिसका रंग भूरा होता है. इसी के चलते फलों-सब्जियों का रंग भूरा होने लगता है. इस प्रक्रिया को एंजाइमेटिक ब्राउनिंग कहा जाता है. बता दें कि मेलेनिन एक पिगमेंट है, इंसान के बाल, त्वचा और आंखें के रंग के लिए भी यही पिगमेंट जिम्मेदार होता है. 

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ब्राउनिंग को रोकने के उपाय

  • पानी में रखें: सब्जियों का काटकर पानी में भिगोकर इस क्रिया को रोका जा सकते है. हालांकि, इसका इस्तेमाल फलों के लिए नहीं किया जा सकता है. ऐसा करने पर फल बेस्वाद लगेंगे. लेकिन आलू के लिए इस उपाय का हर घर में इस्तेमाल होता है.
  • तुरंत डिब्बे में बंद करें: काटकर डिब्बे में बंद करके भी इस प्रक्रिया को रोका जा सकता है. लेकिन इसमें थोड़ा भूरापन आ जाता है. क्योंकि हवा हर जगह है और डिब्बे में भी कुछ हवा होती है, जिससे रिएक्शन होता है.
  • एल्युमिनियम फॉयल में लपेटें: एल्युमिनियम फॉयल में लपेटकर भी फल और सब्जियों को ब्राउन होने से कुछ हद तक रोका जा सकता है. लेकिन इससे भी पूरी तरह इस क्रिया को रोकना मुमकिन नहीं है और ये महंगा भी हो सकता है.  
  • नींबू या सिरके का इस्तेमाल: नीबू या सिरका Enzymatic Browning में बाधा उत्पन्न करता है, जिससे ये क्रिया नहीं हो पाती. हालांकि इससे फल और सब्जी दोनों के ही स्वाद पर असर पड़ता है इसलिए आमतौर पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.  

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