वजन घटाने के लिए डाइटिंग करना या घंटों तक भूखा रहना कोई हेल्दी ऑप्शन नहीं है. अपने कैलोरी इनटेक को सीमित करने का यह सबसे खराब तरीका है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे न सिर्फ शरीर को पोषक तत्व मिलने में कठिनाई होती है, बल्कि कई तरह के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं. फिर चाहे आप कीटजेनिक डाइट, इंटरमिटेंट फास्टिंग या फैट-कार्ब्स को कम करने के लिए कोई खास डाइट ही क्यों न अपना रहे हों. आइए आपको बाताते हैं कि डाइटिंग करने से शरीर को कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं.
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मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर- 'नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ' के शोधकर्ताओं के मुताबिक, डाइटिंग पर जाने वाले जिन लोगों ने अपना मेटाबॉलिज्म सिस्टम बुरी तरह खराब किया है, वो फिर पूरी तरह रिकवर नहीं हो पाए हैं. ये सब बॉडी के लैप्टिन हार्मोन की वजह से होता है, जिसका संबंध इंसान की भूख से है. इस दौरान एक्सपर्ट ने शरीर में घ्रेलिन के लेवल की भी जांच की. एक ऐसा हार्मोन जो आपको भूख के बारे में बताता है. डाइटिंग करने से शरीर में इस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है.
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कमजोर मांसपेशियां- डाइटिंग का हमारी मांसपेशियों पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है. 'दि अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ कील के शोधकर्ताओं ने 32 स्वस्थ वॉलंटियर्स को चुना और उनकी डाइट से तीन सप्ताह के लिए औसतन 1300 कैलोरी कम कर दी. एक्सपर्ट्स ने देखा कि मांसपेशियों में कमी आने कारण उनका वजन बढ़ने लगा था.
पथरी की समस्या- डाइट के कारण होने वाली न्यूट्रिशन की कमी से शरीर के तमाम अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है. हेल्थ एंड वेलनेस कोच एश्ली वैन बसकिर्क कहती हैं कि खाने की कुछ चीजों में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. जब हम डाइट से ऐसी चीजों को बाहर कर देते हैं तो डीहाइड्रेशन का जोखिम बढ़ सकता है. डीहाइड्रेशन होने के बाद इंसान को गुर्दे में पथरी यानी किडनी स्टोन की दिक्कत हो सकती है.
हड्डियां कमजोर- एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर ज्यादा उम्र के लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग करें तो उनका बहुत ज्यादा वजन एकदम से गिर सकता है. अगर आप पहले ही अंडरवेट हैं तो ये समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है. ब्रिघम में डिपार्टमेंट ऑफ न्यूट्रिशन की रीजनल डायरेक्टर कैथी मैक्नस कहती हैं कि ऐसा करना आपके इम्यून और हड्डियों दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है.
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बालों का झड़ना- 'डर्मटालॉजी प्रैक्टिल एंड कॉन्सेप्चुअल' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, लो कैलरी डाइट हमारे बालों के झड़ने की समस्या से भी जुड़ी है. शरीर में न्यूट्रिशन की कमी के कारण ऐसा होता है. न्यूट्रिशन की कमी से हेयर स्ट्रक्चर और हेयर ग्रोथ दोनों पर बुरा असर पड़ता है.
थकावट- अगर आप कम खाएंगे तो जाहिर सी बात है कि बॉडी के पास बर्न करने के लिए कम कैलोरी ही होंगी. नतीजन आप ज्यादा सुस्त महसूस करने लगेंगे. 'एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डाइट से कार्बोहाइड्रेट कम करने से थकान होने का खतरा बढ़ जाता है. कीटोजेनिक डाइट पर आधारित 'जर्नल ऑफ दि अमेरिकन डायटिक एसोसिएशन' की एक रिपोर्ट के अनुसार, लो कार्बोहाइड्रेट डाइट से बॉडी का एनर्जी लेवल कम रहता है और इंसान ज्यादा थकावट महसूस करता है.
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बीमार पड़ सकते हैं आप- अगर आप वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग यानी सप्ताह के कुछ दिन लंबे समय तक भूख कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं तो ये आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. इसके साइड इफेक्ट आपके फास्टिंग पीरियड पर निर्भर करते हैं. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इससे लोगों को सिरदर्द, आलस, कब्ज और पेट संबंधी परेशानियां हो सकती हैं.
ईटिंग डिसॉर्डर- शरीर की जरूरतों को जाने बिना डाइट पर जाने वाले लोग ईटिंग डिसॉर्डर का भी शिकार हो सकते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी में ईटिंग डिसॉर्डर प्रोग्राम से जुड़ी ऐना गुएर्जीकोवा कहती हैं कि आगे चलकर ऐसी समस्या एन्जाइटी या डिप्रेशन का भी कारण बन सकती हैं. इसलिए अपनी डाइट में जरूरी पोषक तत्वों का हमेशा ध्यान रखें.