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सेहत

Aspergillosis: कोरोना से ठीक होने के बाद हो रहा नया फंगल इंफेक्शन, जानें-लक्षण और बचाव

एस्परजिलोसिस
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कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई मरीजों को तरह-तरह के इंफेक्शन से जूझना पड़ रहा है. ब्लैक फंगल के बाद एक और इंफेक्शन धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है, जिसका नाम है एस्परजिलोसिस है. पिछले हफ्ते गुजरात के दो अस्पतालों में इसके मामले ज्यादा देखे गए हैं. ये इंफेक्शन भी कोरोना से रिकवरी के बाद हो रहा है. आइए जानते हैं एस्परजिलोसिस के लक्षणों के बारे में.

एस्परजिलोसिस क्या है-
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एस्परजिलोसिस क्या है- एस्परजिलोसिस एक तरह का संक्रमण है जो एक तरह के फंगस की वजह से होता है. ये फंगस आमतौर पर हमारे आसपास के वातावरण में ही मौजूद होता है लेकिन स्वस्थ व्यक्तियों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है. हालांकि कम कमजोर इम्यूनिटी या फेफड़ों के संक्रमण वालों में ये सांस के जरिए शरीर के अंदर जाकर एलर्जी रिएक्शन देता है. गंभीर मामलों में, ये रक्त वाहिकाओं और उससे आगे भी फैल सकता है. 
 

एस्परजिलोसिस
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एस्परजिलोसिस फंगल संक्रमण के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति किस प्रकार के एस्परजिलोसिस से संक्रमित है. विभिन्न प्रकार के एस्परजिलोसिस शरीर को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं जिनमें से कुछ लक्षण आम हैं.
 

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बुखार और ठंड लगना
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बुखार और ठंड लगना- बुखार और ठंड लगना कोरोना वायरस के शुरूआती लक्षण हैं. हल्के संक्रमण वालों में ये 5-6 दिनों तक रहता है. कोरोना के मरीजों में सबसे पहले बुखार को ही कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है. कोरोना से पूरी तरह ठीक होने के बाद भी अगर आपको फिर से बुखार आता है तो ये फंगल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है.
 

सांस लेने में दिक्कत
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सांस लेने में दिक्कत- फेफड़ों तक पहुंचने के बाद ये फंगस टिश्यूज को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है. इसकी वजह से मरीज को सांस लेने मे दिक्कत होने लगती है. सांस लेने में तकलीफ होना इस बात का संकेत है कि फंगल फेफड़ों तक पहुंच चुका है.
 

खून के साथ खांसी
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खून के साथ खांसी- अगर संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच जाता है, तो संक्रमित व्यक्ति को लगातार खांसी आने लगती है. कुछ मामलों में खांसी के साथ थोड़ा खून भी आ सकता है.
 

सिर दर्द और आंखों में दिक्कत
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सिर दर्द और आंखों में दिक्कत- फंगस शरीर में नाक के जरिए प्रवेश करता है. ये मुख्य रूप से साइनस, फेफड़ों को संक्रमित करता है और इसके बाद ये दिमाग की तरफ बढ़ने लगता है. इसकी वजह से सिर और आंखों में पूरे समय दर्द रहता है.
 

थकान
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थकान- इम्यून सिस्टम कमजोर होने से भी हर वक्त थकान महसूस होती है. ऐसे में फंगस से संक्रमित होने के बाद ये थकान और बढ़ जाती है. ये इस हद तक बढ़ जाता है कि आपको अपने रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत महसूस होती है.
 

त्वचा को नुकसान-
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त्वचा को नुकसान- फंगल इंफेक्शन के असर से स्किन में जलन, लालिमा, सूजन और फुंसी आने लगती है. इसकी वजह से स्किन में पूरे समय खुजली होती रहती है.
 

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​कैसे करें पहचान
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​कैसे करें पहचान- एस्परजिलोसिस की पहचान करना कभी-कभी मुश्किल हो जाता है. इसकी पहचान के लिए डॉक्टर आपकी बायोप्सी करा सकते हैं. ब्लड टेस्ट के अलावा, चेस्ट एक्स-रे, सीटी और फेफड़ों का स्कैन कराने की भी सलाह दे सकता है.
 

क्या है इलाज
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क्या है इलाज- इस बीमारी का पता जितनी जल्दी चल जाए, इलाज उतनी जल्दी शुरू हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार इसका इलाज भी ठीक वैसे ही किया जाता है जैसा कि ब्लैक और व्हाइट फंगस में किया जाता है. इंफेक्शन बॉडी में ज्यादा फैलने पर मरीज की सर्जरी भी करनी पड़ती है. 
 

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