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सेहत

Healthy Aging: इन 10 वजहों से आपको नहीं आती है नींद, सुधारें ये आदतें

सोने के पैटर्न में बदलाव
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उम्र बढ़ने के साथ-साथ सोने के पैटर्न में एक तरह का बदलाव आने लगता है. कई लोगों को रात में नींद आने में समय लगता है और अगले दिन दोपहर में खूब नींद आती है. 65 साल से ज्यादा के महिलाओं और पुरुषों को इस तरह की समस्या का सामना ज्यादा करना पड़ता है. बुढ़ापे के साथ नींद में होने वाली इन दिक्कतों के पीछे कई वजहे हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में. 
 

दर्द होना
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दर्द होना- गठिया, पीठ की समस्या, पाचन की दिक्कत, डायबिटीज और अन्य उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण शरीर में दर्द रहता है और इसकी वजह रात भर नींद टूटती रहती है. फिजिकल थेरेपी के जरिए इससे आराम मिल सकता है. अगर आपका दर्द इतना ज्यादा है कि आप रात में बिल्कुल नहीं सो पाते हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
 

न्यूरोलॉजिकल बीमारी
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न्यूरोलॉजिकल बीमारी- न्यूरोलॉजिकल बीमारी का असर सीधा दिमाग पर पड़ता है. 60 साल से अधिक के लोगों में पार्किंसन डिजीज आम है. इसमें शरीर के अंगों में कंपन महसूस होता है. इसके अलावा अल्जाइमर की वजह से भी सही समय पर नींद नहीं आती है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
 

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कुछ दवाइयां
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कुछ दवाइयां- हाई ब्लड प्रेशर, पार्किंसन डिजीज, दिल की बीमारी और थायराइड की दिक्कत आम है. ये सारी बीमारियां नींद में खलल डालने का काम करती हैं. अगर आप इन बीमारियों के लिए कोई दवा लेते हैं तो उसका असर भी आपकी नींद पर पड़ सकता है. दवाइयों की वजह से अगर आपको नींद नहीं आती है तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में जरूर बताएं.
 

बार-बार बाथरूम जाने की वजह से
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बार-बार बाथरूम जाने की वजह से- अगर आपको रात में बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत पड़ती है तो आप नोक्टूरिया की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं. उम्र बढ़ने के साथ ये दिक्कत और बढ़ जाती है. डायबिटीज, हार्ट फेल्योर, किसी इंफेक्शन, इंफ्लेमेशन या फिर ब्लैडर की अन्य दिक्कतों की वजह से भी नोक्टूरिया की समस्या हो जाती है. कैफीन और अल्कोहल का सेवन करना बंद कर दें.
 

मेनोपॉज
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मेनोपॉज- मिडिल एज में महिलाओं को मेनोपॉज से गुजरना पड़ता है. इस समय शरीर धीरे-धीरे प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन बनाना बंद कर देता है. इसकी वजह से हॉट फ्लैशेज महसूस होते हैं और रात में नींद नहीं आती है. इसमें बहुत ज्यादा गर्मी और पसीना आने लगता है. आपके डॉक्टर हार्मोन को संतुलित करने की कोई दवा दे सकते हैं जिससे आपको आराम मिलेगा.
 

स्लीप एपनिया
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स्लीप एपनिया- जब आप तेज-तेज खर्राटे लेते हैं तो इससे आपकी खुद की नींद भी कई बार टूटती है. स्लीप एपनिया की समस्या आमतौर पर 40 साल के बाद होना आम है. नींद की कमी की वजह से आपको अगले दिन भारीपन सा महसूस होता है. अच्छा होगा कि डॉक्टर से संपर्क कर अपनी जांच कराएं. 
 

पैर हिलाने की बीमारी
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पैर हिलाने की बीमारी- कई लोगों को पैर हिलाने की बीमारी होती है. इसकी वजह से पैर में झुनझुनी या फिर चुभन महसूस हो सकता है. पैरों की जगह ये बाहों में भी हो सकता है. इसे पीरियोडिक लिंब मूवमेंट डिसऑर्डर कहते हैं. 80 से ज्यादा उम्र के 20 फीसदी लोगों को ये शिकायत होती है.
 

मानसिक सेहत
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मानसिक सेहत- बढ़ती उम्र में कई लोग डिप्रेशन के भी शिकार हो जाते हैं. डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर और अन्य मूड डिसऑर्डर की वजह से भी सोने में दिक्कत होती है. ये दिक्कत आपको अचानक भी महसूस हो सकती है. फिजिकल फिटनेस के साथ अपनी मानसिक सेहत पर भी ध्यान दें और तनाव लेने से बचें. 
 

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झपकी लेना
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झपकी लेना- कई लोगों को दिन में झपकी ज्यादा आने लगती है. अगर आप रात में ठीक से नहीं सो पाते हैं तो अगले दिन उसकी वजह से भी दोपहर या शाम के वक्त नींद आने लगती है. झपकी लेने से रात में बिस्तर पर थकान महसूस नहीं होती है और जल्दी नींद नहीं आती है. इससे आपकी नींद का पूरा रुटीन खराब हो जाता है.
 

दिल की बीमारी
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दिल की बीमारी- हार्ट फेल्योर से सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द या फिर तेजी से दिल धड़कने जैसी समस्याओं से भी नींद ठीक से नहीं आती है. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. लाइफस्टाइल में बदलाव से भी आराम मिल सकता है.
 

अच्छी नींद के लिए क्या करें
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अच्छी नींद के लिए क्या करें- नींद का सही रुटीन बनाने के लिए सबसे पहले किसी भी तरह का तनाव लेने से बचें. सोने से थोड़ी देर पहले फोन, टीवी या कंप्यूटर से दूरी बना लें. अल्कोहल और कैफीन और एनर्जी ड्रिंक की मात्रा कम से कम करें.
 

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