गर्मियों के मौसम में लीची खाना लगभग हर किसी को पसंद होता है. ये ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट लगती है बल्कि कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर भी होती है. इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर वजन घटाने तक में लीची बहुत फायदेमंद होती है. आइए जानते हैं इस मौसम में लीची खाने से और क्या-क्या फायदे होते हैं.
फ्री रेडिकल्स से बचाता है- फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को खराब करते हैं जिससे शरीर में कई तरह की गंभीर बीमारियां होती हैं. लीची में विटामिन C और फ्लेवोनॉयड भरपूर मात्रा में होता है. ये फ्री रेडिकल्स की वजह से कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं. लीची दिल, कैंसर और आर्थराइटिस की बीमारी से बचाती है. लीची में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालने का काम करते हैं.
इम्यून सिस्टम की रक्षा करता है- विटामिन C से भरपूर लीची मौसमी संक्रमणों और पुरानी बीमारियों के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाता है. विटामिन C सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है और इनके फंक्शन में मदद करता है. ये विटामिन संक्रमण के इम्यून सिस्टम के खिलाफ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और कोल्ड-कफ से लड़ने में भी मदद करता है.
स्ट्रोक के खतरे को कम करता है- लीची में सोडियम और कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल भी नहीं होता है. ये स्ट्रोक, दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर और एथेरोस्क्लेरोसिस की बीमारी की संभावना को कम करता है.
गुड कॉलेस्ट्रोल को बढ़ाता है- लीची में विटामिन B3 होता है जो कॉलेस्ट्रोल सिस्टम को नियंत्रित करता है. विटामिन B3 शरीर में गुड कॉलेस्ट्रोल को बढ़ाता है और खून में हानिकारक ट्राइग्लिसराइड्स और बैड कॉलेस्ट्रोल को कम करता है.
मेटाबॉलिज्म को सुधारता है- हर दिन लीची खाने से मेटाबॉलिज्म में सुधार आता है. ये भोजन में कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन के अवशोषण को तेज करने में मदद करता है. लीची वेट कंट्रोल करने में भी बहुत मदद करता है.
कब्ज से बचाता है- लीची में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को सही रखता है. इसकी वजह से पेट साफ रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है. लीची डायबिटीज को भी कंट्रोल करती है. ये हेल्दी वेट बनाए रखने में मदद करती है.
बॉडी को हाइड्रेट करता है- लीची में खूब सारा पानी होता है जो गर्मियों में शरीर को ठंडा और हाइड्रेट रखता है. डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर आप लीची खा सकते हैं या फिर इसका जूस पीने से भी आपको फायदा होगा.
लिवर को ठीक करता है- बहुत ज्यादा शराब पीने, एनीमिया, कुपोषण, संक्रमण और कुछ दवाओं के अत्यधिक सेवन से लिवर खराब हो जाता है. लिवर खराब होने से कई तरह की गंभीर बीमारियां होती हैं. लीची में हेपेटोप्रोटेक्टिव एजेंट होते हैं जो लीवर की बीमारियों के प्रभावी इलाज में मदद करते हैं.