इंसान का शरीर एक तरह की मशीन है, जिसमें हर अंग एक पुर्जे की तरह काम करता है. 600 से ज्यादा मांसपेशियां. करीब 206 हड्डियां और हजारों नसें इंसान को जिंदा रखती हैं. शरीर के प्रमुख अंग इन सभी चीजों का केंद्र होते हैं. शरीर में हर अंग का अपना एक अलग काम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉडी फंक्शन के कुछ पार्ट्स ऐसे भी हैं, जिनके बिना भी इंसान का जीवन संभव है.
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गॉलब्लैडर- हमारे डायजेशन सिस्टम में गॉलब्लेडर की प्रमुख भूमिका होती है. अक्सर कई लोगों के शरीर में किडनी स्टोन (पथरी) की समस्या बढ़ने पर उनके शरीर से गॉलब्लैडर निकाल दिया जाता है. इसके बावजूद ऐसे लोग नॉर्मल लाइफ जीते हैं. हालांकि इसे निकाले जाने के बाद रोगी को हाई फैट वाले फूड न खाने की सलाह दी जाती है. इससे शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं होता है, बस डायजेशन की मामूली सी दिक्कत हो सकती है.
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स्प्लीन- स्प्लीन यानी तिल्ली पसलियों के नीचे शरीर का एक खास अंग होता है. शरीर में तिल्ली का मुख्य कार्य गर्भ में पल रहे बच्चे में खून बनाना और कोशिकाओं की सुरक्षा करना है. जब बच्चे का जन्म हो जाता है तो स्प्लीन ब्लड प्लेटलेट्स स्टोर, एंडीबॉडी बनाना और खून में असामान्य कोशिकाओं को नष्ट करने का काम शुरू कर देती है. कई बार शरीर में ये तेजी से बढ़ने लगती है और इंटरनल ब्लीडिंग के डर से डॉक्टर इसकी सर्जरी कर देते हैं.
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फेफड़े- शरीर में हर एक कोशिका को जिंदा रखने में फेफड़ों की अहम भूमिका होती है. इसका मुख्य कार्य श्वास नली से आने वाली ऑक्सीजन को खून तक पहुंचाना है. इसके अलावा ये अनावश्यक कार्बन डाईऑक्साइड को बाहर फेंकते हैं. दोनों ही फेफड़े पूरे बॉडी फंक्शन के लिए एक ही तरह से काम करते हैं. इसलिए आप एक फेफड़े पर भी जिंदा रह सकते हैं. जैसा कि पूरी दुनिया में कई लोग जी भी रहे हैं. वेटिनकन सिटी के पोप फ्रांसिस खुद बचपन से एक फेफड़े पर जिंदा हैं.
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रीप्रोडक्टिस ऑर्गेन्स- रीप्रोडक्टिस ऑर्गेन्स के न होने से बच्चा नैचुरली कंसीव करना मुश्किल है, लेकिन इसके बिना भी इंसान सामान्य जिंदगी जी सकता है. कई बार गर्भाशय में एंडोमीटरॉइसिस और यूटेरिन फाइब्रॉइड जैसी हेल्थ कंडीशन के चलते हाइटोरेक्टोमीस नाम की सर्जरी करनी पड़ती है. कई महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साइकिल डिस्टर्ब होने की वजह से सर्जिकल मेनोपॉज कराना पड़ता है. इसके बाद एक औरत की नैचुरल प्रेग्नेंसी मुश्किल है, लेकिन इससे उसके जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता है.
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अपेंडिक्स- जॉन होपकिंस मेडिसिन के मुताबिक, अपेंडिक्स शरीर में इम्यूनोग्लोबुलिंस को प्रोड्यूस करता है, जो कि एक प्रोटीन है और इंफेक्शन से लड़ने में इम्यून सिस्टम की मदद करता है. डॉक्टर कहते हैं कि शरीर में ऐसे और भी कई अंग हैं, जो इंफेक्शन से लड़ने के लिए लिम्फैटिक टिशू बनाते हैं.
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इसलिए किसी इंसान के जीवन के लिए अपेंडिक्स का होना जरूर नहीं है. अपेंडिसाइटिस के चलते कई बच्चों और वयस्कों के शरीर से अपेंडिक्स निकाल दिया जाता है. ये एक खतरनाक इंफेक्शन है, जिसे समय रहते न निकालने से दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
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ब्लैडर- क्या कभी आपने सोचा है कि एक इंसान ब्लैडर के बिना भी जी सकता है. शरीर का एक ऐसा अंग जो यूरिनरी ट्रैक्ट के प्रोसेस में खास भूमिका निभाता है. अक्सर कैंसर के जोखिम और इन्फ्लेमेटरी डिसॉर्डर की वजह से इंसान के शरीर से ब्लैडर निकाल दिया जाता है. मेयो क्लीनिक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैडर निकालने के बाद इंसान को पेट के आस-पास एक स्पेशल बैग टांगकर रखना पड़ता है, जिसमें पेशाब जमा होता रहे. इस प्रोसेस को यूरोस्टॉमी कहते हैं.
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किडनी- हमारे यूरिनरी सिस्टम में दो किडनी होती हैं. ये खून को फिल्टर कर विषैले पदार्थ को शरीर से बाहर करने का काम करती हैं और ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने के लिए हार्मोन बनाती हैं. डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर इंसान की एक किडनी खराब हो जाए तो वो दूसरी पर जिंदा रह सकता है. अगर इंसान की दोनों किडनी डैमेज हो जाएं तो स्थिति गंभीर हो सकती है, लेकिन ऐसे व्यक्ति को भी डायलिसिस पर जिंदा रखा जा सकता है.
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