शरीर के लिए कुछ पोषक तत्व जरूरी माने जाते हैं. हालांकि, ये पोषक तत्व न्यूट्रीएंट्स बहुत आम हैं लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों में इसकी कमी पाई जाती है. आइए जानते कौन से हैं वो न्यूट्रीएंट्स जिनकी कमी अधिकांश लोगों में पाई जाती है और इसे कैसे पूरा किया जा सकता है.
आयरन की कमी- आयरन एक जरूरी मिनरल है. हीमोग्लोबिन और कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ये बहुत जरूरी है. पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा (25%) लोगों में आयरन की ही कमी पाई जाती है. वहीं, छोटे बच्चों में 47 फीसदी तक आयरन की कमी पाई जाती है. पीरियड्स के दौरान 30 फीसदी महिलाओं में इसकी कमी हो जाती है. वहीं, 42 फीसदी युवाओं और प्रेग्नेंट महिलाओं में भी इसकी कमी पाई जाती है.
आयरन की कमी से ज्यादतर लोगों को एनीमिया हो जाता है. शाकाहारी में इसका खतरा ज्यादा होता है क्योंकि वो केवल प्लांट बेस्ड आयरन का ही सेवन करते हैं. आयरन की कमी से हर वक्त थकान और कमजोरी बनी रहती है. इसके अलावा, इसकी कमी से इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है. इसके लिए डाइट में रेड मीट, सालमन मछली, बीन्स, सीड्स, ब्रोकली, हरी सब्जियां और साग शामिल करें.
आयोडीन की कमी- थायराइड को सामान्य रखने के लिए आयोडीन बहुत जरूरी है. मस्तिष्क और हड्डियों के विकास के लिए थायराइड हार्मोन आवश्यक होते हैं. आयोडीन की कमी सबसे आम पोषक तत्वों की कमी में से एक है. दुनिया के लगभग एक तिहाई लोगों में इसकी कमी पाई जाती है. आयोडीन की कमी का सबसे आम लक्षण थायराइड ग्लैंड का बढ़ जाना है.
आयोडीन की कमी की वजह से हृदय गति तेज होने लगती है और सांस लेने में भी दिक्कत आने लगती है.आयोडीन की कमी से गंभीर नुकसान से भी हो सकते हैं, खासतौर से बच्चों का विकास रूक सकता है. इसके लिए डाइट में मछली, डेयरी प्रोडक्ट और अंडे शामिल करें. कुछ देशों में आयोडीन वाला नमक लेना अनिवार्य है.
विटामिन डी की कमी- विटामिन डी वसा में घुलनशील विटामिन है जो शरीर में स्टेरॉयड हार्मोन की तरह काम करता है. शरीर की कोशिकाओं के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है. धूप की वजह से शरीर में विटामिन डी बनता है. जिन जगहों पर धूप नहीं होती है, वहां लोगों में इसकी बहुत कमी पाई जाती है. अमेरिका में, लगभग 42 फीसदी लोगों में इस विटामिन की कमी है. अधिकतर भारतीयों में भी विटामिन डी की कमी देखी गई है.
विटामिन डी की कमी से मांसपेशियों और हड्डियों में कमजोरी हो जाती है जिसकी वजह से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है. इसकी कमी की वजह से बच्चों का विकास रुक जाता है. इसकी कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, साथ ही कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है. विटामिन डी के लिए कॉड लिवर ऑयल, फैटी फिश और अंडे की जर्दी लें. अगर आप धूप में नहीं जा पा रहे हैं तो विटामिन डी का सप्लिमेंट भी ले सकते हैं.
विटामिन बी12 की कमी- विटामिन बी12 पानी में घुलनशील विटामिन है. खून, दिमाग और नर्वस सिस्टम के लिए ये विटामिन बहुत जरूरी माना जाता है. विटामिन बी12 ज्यादातर एनीमल फूड में पाया जाता है. इसलिए शाकाहारी लोगों में इसकी कमी ज्यादा पाई जाती है. कुछ लोगों में इसकी इतनी कमी हो जाती है कि उन्हें B12 इंजेक्शन या फिर सप्लिमेंट लेना पड़ता है. इसकी कमी पूरा करने के लिए मछली, मीट, अंडा और मिल्क प्रोडक्ट लेना जरूरी है.
कैल्शियम की कमी- शरीर की हर कोशिकाओं के लिए कैल्शियम जरूरी है. ये हड्डियों और दांतों को जरूरी पोषण देता है. कैल्शियम की कमी से दिल, मांसपेशियां और नसें सही से काम नहीं कर पाती हैं. कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. इसकी कमी पूरी करने के लिए डाइट में हड्डी वाली मछली, डेयरी प्रोडक्ट और हरी सब्जियां शामिल करें.
विटामिन A की कमी- विटामिन A एक आवश्यक वसा में घुलनशील विटामिन है. स्वस्थ त्वचा, दांत, हड्डियों और कोशिका झिल्ली को बनाने रखने में ये विटामिन बहुत जरूरी है. आखों के लिए भी ये विटामिन बहुत जरूरी है. इसकी कमी से लोगों को कम दिखाई देने लगता है. विकासशील देश के लोगों में ये विटामिन बहुत कम पाया जाता है. इसकी कमी का असर इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है. ऑर्गन मीट, फिश लिवर ऑयल, बीटा कैरोटीन, शकरकंद, गाजर और पत्तेदार सब्जियों में ये विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
मैग्नीशियम की कमी- मैग्नीशियम आपके शरीर में एक महत्वपूर्ण खनिज है. हड्डी और दांतों की संरचना के लिए ये बहुत जरूरी है. मैग्नीशियम की कमी से टाइप 2 डायबिटीज, मेटाबोलिक सिंड्रोम, हृदय रोग, बेचैनी, मांसपेशियों में दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. मैग्नीशियम की कमी पूरी करने के लिए डाइट में साबुत अनाज, सूखे मेवे, डॉर्क चॉकलेट और हरी, पत्तेदार सब्जियां शामिल करें.