भारत के कई हिस्सों में लोग केले के पत्ते पर खाना खाते हैं. केले के पत्ते पर खाना उनकी स्थानीय परंपरा का हिस्सा है. मेहमानों को जहां केले के पत्ते के सबसे ऊपरी हिस्से में खाना परोसा जाता है वहीं घर के लोग खुद निचले हिस्से में खाना रखकर खाते हैं.
साफ फर्श पर बैठकर सभी बिना कांटे-चम्मच के हाथ से खाना खाते हैं. चावल, मीट, सब्जी, करी, अचार, दही सबकुछ इसी केले के पत्ते पर परोसा जाता है. हालांकि जिन लोगों को केले के पत्ते पर खाना परोसने और खाने की आदत नहीं है उन्हें ये काफी मुश्किल लग सकता है लेकिन हजारों साल से चली आ रही इस परंपरा की अपनी मान्यताएं हैं.
इस परंपरा के फायदे वाकई चौंकाने वाले हैं:
1. स्वास्थ्य के लिहाज से
केले का पत्ता प्लांट-बेस्ड कंपाउंड, पॉलीफेनॉल्स से पूर्ण होता है. पॉलीफेनॉल्स नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जोकि शरीर में मौजूद फ्री-रेडिकल्स और दूसरी बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने का काम करते हैं. एक ओर जहां केले की पत्तियों को सीधे तौर पर पचाना संभव नहीं है वहीं केले के पत्ते में रखे खाद्य पदार्थ इससे पॉलीफेनॉल्स को अवशोषित कर लेते हैं. इससे शरीर को इन ऑक्सीडेंट्स का फायदा भी मिल जाता है.
इसके साथ ही ये माना जाता है कि केले के पत्ते में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जोकि खाने में मौजूद बैक्टीरिया को समाप्त कर देते हैं. इससे बीमार पड़ने की आशंका कम हो जाती है.
2. स्वाद बढ़ जाता है
केले की पत्तियों पर मोम के जैसी एक ऊपरी परत होती है. हालांकि ये परत बहुत पतली होती है लेकिन इसका स्वाद बहुत अलग होता है. जब गर्म खाना केले के पत्ते पर परोसा जाता है तो ये मोम पिघलकर खाने में मिल जाती है. जिससे खाने का स्वाद और बढ़ जाता है.
3. पर्यावरण के लिए अच्छा
आज जबकि पर्यावरण की सुरक्षा एक अहम मसला बन चुका है ऐसे में केले की पत्ती पर खाना खाना पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से एक सार्थक पहल है. आमतौर पर लोग भोज या फिर किसी समारोह में प्लास्टिक या स्टीरोफोम के प्लेट्स का इस्तेमाल करते हैं. इस्तेमाल के बाद इन्हें यूं ही फेंक दिया जाता है. जबकि केले के पत्तों को डिकंपोज करना बहुत ही आसान है.
4. हाइजीएनिक
केले की पत्तियों को बहुत अधिक साफ करने की जरूरत नहीं होती है. ये खुद ही बहुत हाइजीएनिक होती हैं. इन्हें सिर्फ थोड़े से पानी से साफ करके इस्तेमाल में लाया जा सकता है. प्लास्टिक की प्लेट में खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.
5. रसायन मुक्त और आरामदेह
केले की पत्ती में खाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे हमारे शरीर में किसी भी प्रकार का कोई रासायनिक पदार्थ प्रवेश नहीं कर पाता है. जबकि प्लास्टिक की प्लेट में खाने से पिघली हुई प्लास्टिक का कुछ अंश हमारे शरीर में भी चला जाता है. जोकि कैंसर जैसी भयानक बीमारी का कारण भी बन सकता है. ऐसे में केले के पत्ते पर खाना खाना स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत फायदेमंद है.
साथ ही ये काफी बड़ा भी होता है जिस पर सभी चीजें सलीके से परोसी जा सकती हैं.