आपको किसी और आयुर्वेदिक औषधि के बारे में पता हो न हो लेकिन आपने अपनी दादी या मां से गिलोय के बारे में तो जरूर सुना होगा. हो सकता है बीमार पड़ने पर आपकी मां या दादी ने आपको गिलोय का काढ़ा या फिर गिलोय की गोली बनाकर भी खिलाई हो.
अगर घर पर नहीं सुना होगा तो बाबा रामदेव से तो जरूर सुना होगा. योग गुरू बाबा रामदेव तो गिलोय को अमृत बताते हैं. जिससे बहुत सी बीमारियों का इलाज संभव है.
गिलोय एक बेहतरीन और कारगर आयुर्वेदिक दवा है. अच्छी बात ये है कि इसका सेवन करना जितना आसान है, उतना ही आसान है इसे उगाना. गिलोय की बेल कहीं भी बहुत आसानी से उग जाती है. इंडिया टुडे ने न्यूट्रीशनिस्ट लवनीत बत्रा से बात की और ये जानने की कोशिश की कि गिलोय किस तरह हमारे लिए फायदेमंद है और इसके इस्तेमाल में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.
गिलोय के स्वास्थ्य लाभ:
1. गिलोय में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जोकि फ्री रेडिकल्स डैमेज से सुरक्षित रखने और इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट करने में मददगार हैं.
2. बुखार हो जाने पर गिलोय लेना बहुत फायदेमंद है.
3. ये ब्लड प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में भी मददगार होता है.
4. गिलोय पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में सहायक है. ये अर्थराइटिस और अस्थमा में भी फायदा पहुंचाने का काम करता है.
5. टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए भी गिलोय बहुत फायदेमंद है.
कितनी मात्रा में लेना चाहिए गिलोय?
एक वयस्क को एक दिन में एक ग्राम से ज्यादा गिलोय नहीं लेनी चाहिए. इससे ज्यादा की मात्रा में गिलोय लेना खतरनाक हो सकता है.
क्या छोटे बच्चों को गिलोय देना ठीक होगा?
बहुत छोटे बच्चों या फिर नवजात को गिलोय देना खतरनाक भी हो सकता है. हां...पांच साल की उम्र के बाद बच्चों को गिलोय देने में कोई बुराई नहीं है. छोटे बच्चों को एक दिन में 250 मिलीग्राम से अधिक गिलोय बिल्कुल भी न दें.
गिलोय को किस रूप में लेना सबसे अधिक फायदेमंद होगा?
यूं तो गिलोय को पाउडर, जूस या फिर कैप्सूल के रूप में लिया जा सकता है लेकिन इसे पाउडर के रूप में लेना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है.