क्या आप जानती हैं कि गोभी की हरी पत्तियों को कूड़ेदान में फेंककर आप कैल्शियम के एक बहुत अच्छे सोर्स को यूं ही बर्बाद कर देती हैं? शायद आपको पता नहीं होगा कि गोभी की जिन हरी पत्तियों को हम सफाई के दौरान तोड़कर फेंक देते हैं वो कैल्शियम का बहुत अच्छा माध्यम हैं.
गोभी की पत्तियाें में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और आयरन पाया जाता है. इन पत्तियों में जितनी मात्रा में कैल्शियम होता है, उतना किसी दूसरी सब्जी में नहीं होता है. साथ ही इसकी पत्तियां फाइबर का भी अच्छा सोर्स होती हैं.
इसकी पत्तियों को खाने से एक ओर जहां हड्डियां मजबूत बनती हैं, पाचन क्रिया अच्छी रहती है वहीं ये इम्यूनिटी बढ़ाने में भी काफी कारगर है. गोभी की 100 ग्राम पत्ती से करीब 600 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता है.
हमारे देश का एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है जो दूध और दूसरे डेयरी उत्पादों का खर्च नहीं उठा सकता है. ऐसे लोगों के लिए कैल्शियम की मात्रा की पूर्ति करने का ये एक बहुत सस्ता और अच्छा रास्ता है.
सही पत्तियों का चुनाव करना भी है जरूरी:
गोभी की ऐसी ही पत्तियों का चुनाव करना चाहिए जो हरी, चमकदार और अच्छी क्वालिटी वाली हों. मुरझाई हुई और पीलापन ली हुई पत्तियों का इस्तेमाल न करें. इस्तेमाल करने से पहले पत्तियों को खूब अच्छी तरह धो लें.
कैसे करें इस्तेमाल?
गोभी की पत्तियां क्रंची और हल्का स्वाद लिए हुए होती हैं. हालांकि आप चाहें तो इन्हें दूसरी किसी सब्जी में मिलाकर पका सकते हैं. इसे दोनों तरह से खाया जा सकता है. आप चाहें तो इसे पका लें या फिर सलाद की तरह कच्चा ही खा लें.
सूप और दूसरे पेय में भी इन्हें ऊपर से महीन काटकर डाला जा सकता है. आप चाहें तो इसे महीन काटकर पालक और मेथी के पराठे की तरह पराठे बना कते हैं. इसे सलाद के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.