बीते कुछ सालों में फिटनेस डीवीडी देखकर सेहत बनाने और व्यायाम करने का चलन काफी बढ़ा है. लोग सैकड़ों-हजारों रुपये खर्च करके फिटनेस डीवीडी खरीदते हैं और घर आकर उसकी नकल उतारते हुए व्यायाम करते हैं. लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, घर में फिटनेस डीवीडी देखकर व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
ऑरिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में किनेसियोलॉजी के प्रोफेसर ब्राड कार्डिनल के अनुसार, इस शोध के परिणामों से पता चला है कि इस तरह के वीडियो से व्यक्ति की सोच नकारात्मक हो जाती है और उनकी प्रेरणा पर भी गलत असर पड़ता है.
फिटनेस के लिए मिलने वाली डीवीडी के अध्ययन से यह भी सामने आया है कि इस तरह की डीवीडी में इस्तेमाल होने वाली भाषा बहुत ही बोरिंग होती है, इससे व्यायाम के परिणाम पर भी असर पड़ता है.
इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने व्यायाम का प्रशिक्षण देने वाले 10 लोकप्रिय डीवीडी की समीक्षा की. उन्होंने इस तरह के डीवीडी में इस्तेमाल होने वाली भाषा और वीडियो का मूल्यांकन किया.
इस शोध का लक्ष्य इस तरह के डीवीडी में दिए जाने वाले संदेशों व वीडियो को बेहतर तरीके से समझना और इसका इस्तेमाल करने वालों पर इसके प्रभाव का अध्ययन करना था.
कार्डिनल के अनुसार, इन फिटनेस डीवीडी का 25 करोड़ डॉलर का मार्केट है लेकिन इनकी मौलिकता और परिणामों की कोई प्रमाणिकता नहीं है.
इस शोध के परिणामों के बाद सभी उपभोक्ताओं से आग्रह किया गया कि वे इस तरह की डीवीडी को खरीदते समय या इनका इस्तेमाल करते समय इससे पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के प्रति जागरूक रहें.
इस शोध के परिणाम 'सोशियालॉजी ऑफ स्पोर्ट जरनल' में प्रकाशित किए जाएंगे.