मोटापा कई बीमारियों की जड़ है इसलिए सेहतमंद रहने के लिए वजन कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. एक्सरसाइज और डाइट करने के बाद अगर आपक वजन नहीं घर रहा तो आपको दूसरे तरीकों पर विचार करना चाहिए. आइए जानते हैं 3 फार्मूलों वाली डाइट के बारे में जिससे बड़ी आसानी से वजन कम किया जा सकता है.
न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि फिट, मोटे या पतले होने में कैलोरी की मात्रा का कुछ लेना-देना नहीं है. इसके लिए आपको कार्बोहाइड्रेट और फैट वाले खाने पर कंट्रोल करना होगा. डाइट में मौसमी फलों और सब्जियों को शामिल करने करें. इसके अलावा खाने के स्वाद पर भी ध्यान देना जरूरी है. अपने खाने में चावल-दाल जरूर शामिल करें.
क्या है तीन फॉर्मूला डाइट?
डाइटीशियन ने लोगों से खाना खाते समय तीन फॉर्मूला अपनाने को कहा है. पहला फॉर्मूला है कि खाना खाते समय आप मानसिक तौर पर भी बिल्कुल एक्टिव रहें. आप जो खा रहे हैं उसे अच्छे से देखकर, सूंघकर और स्वाद लेकर खाएं.
दूसरा फॉर्मूला है कि खाना किसी शांत जगह पर खाएं. खाना खाते समय फोन, लैपटॉप, टीवी, किताब या न्यूजपेपर पर ध्यान ना दें. जबकि तीसरा फॉर्मूला है नीचे बैठकर खाना खाना. कोशिश करें कि पूरे दिन में किसी एक समय आप डाइनिंग टेबल पर बैठने की बजाय पालथी मारकर खाना खाएं.
खाने की मात्रा को कैसे करें कंट्रोल?
न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि खाने के मात्रा को भी एक मेंटल मील मैप के जरिए कम किया जा सकता है. इसके भी तीन चरण हैं.
पहला चरण: आप जितना भोजन करना चाहते हैं उसकी कल्पना करें. दूसरा चरण: पहले चरण में आपने जितना भोजन करने की कल्पना की है, उसका आधा हिस्सा ही अपनी प्लेट में परोसें.
तीसरा चरण: दूसरे चरण में आपने जितना भोजन लिया है, उसे खाने के लिए दोगुना समय लें. चौथा चरण: अगर आपको अब भी भूख लगी है तो पहले चरण से फिर वही प्रक्रिया शुरू करें. खाना खाते समय पूरा वक्त लें. जल्दी-जल्दी खाने से आपको भोजन से तृप्ति का एहसास नहीं होगा.
न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि प्लेट का आधा हिस्सा यानी 50 फीसदी भाग अनाज या बाजरा (चावल, रोटी, ज्वार, बाजरा) से भरा होना चाहिए. प्लेट का 35 फीसदी भाग दाल (दाल और फलियां) और सब्जियों से भरा होना चाहिए. अगर आप मांसाहारी हैं, तो प्लेट में 35 फीसदी नॉनवेज होना चाहिए.