ये तो हम सभी जानते हैं कि सामान्य पानी की जगह उबला हुआ पानी इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है लेकिन जिस तरह हर चीज के दो पहलू होते हैं, वैसे ही इस प्रक्रिया के भी दो रूप हैं.
एक तो फायदेमंद है और दूसरा नुकसानदेह. जितनी बार आप पानी उबालते हैं इसके अवयवों में बदलाव आ जाता है. जिसकी वजह से ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं रह जाता साथ ही इसमें आर्सेनिक, नाइट्राइट और फ्लुराइड की मात्रा भी बहुत अधिक बढ़ जाती है. पानी को बहुत अधिक उबालने से उसमें कई खतरनाक तत्व आ जाते हैं.
जहरीला नाइट्राइट
पानी को बहुत अधिक उबालने से उसमें नाइट्राइट की मात्रा बढ़ जाती है जोकि इसी का एक अवयव होता है. पानी को बहुत अधिक उबालने से नाइट्राइट जहर में बदल जाता है. उच्च ताप नाइट्राइट को नाइट्रोसैमीन में बदल देता है. जोकि जानलेवा कैंसर का कारण बन सकता है.
आर्सेनिक की मात्रा
पानी को बहुत अधिक उबाल देने से इसमें आर्सेनिक की मात्रा बढ़ जाती है. आर्सेनिक की अधिकता वाला पानी पीने से जानलेवा कैंसर, हार्ट अटैक और कई तरह की मानसिक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग सालों से आर्सेनिक प्रदूषित पानी पीते आ रहे हैं वे त्वचा संबंधी कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं.
फ्लुराइड की मात्रा बढ़ जाना
पानी को बहुत अधिक उबालने से उसमें फ्लुराइड की मात्रा बढ़ जाती है. एक लंबे वक्त तक ऐसा पानी पीते रहने से हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है. बच्चे अगर ऐसा ही पानी पी रहे हैं तो उन पर इसका बहुत ही बुरा असर होता है.