अच्छी नींद की आदत अच्छी सेहत बनाने और बीमारियों से दूर रहने में मदद करती है. वैसे तो हम सभी हर रोज सोते हैं लेकिन कम ही लोगों को पता होता है कि अच्छी नींद के क्या मायने होते हैं और इसका हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है.
स्वस्थ जीवन के लिए सेहतमंद नींद लेना बहुत जरूरी है पर सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपके सोने का समय निर्धारित हो. पूरे सप्ताह एक ही वक्त पर सोना और उठना एक बेहतरीन आदत है. कई लोगों को सोने के घंटों को लेकर भी दुविधा होती है. पर न तो बहुत ज्यादा सोना अच्छा है और न ही कम सोना. छह से सात घंटे की नींद पर्याप्त है.
हमारी दिनचर्या, हम क्या खाते हैं, कौन सी दवाएं लेते हैं और हम अपनी शाम कैसे बिताते हैं, इन सब बातों पर हमारी नींद की गुणवत्ता निर्भर करती है. इनमें से किसी एक भी चीज में जरा-सा भी बदलाव हमारी आरामदायक नींद को बेचैन रातों में बदल सकता है.
इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव पद्मश्री डॉ. के के अग्रवाल का कहना है कि ज्यादातर लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि मोटापा, तनाव, हाइपरटेंशन, मधुमेह और दिल से जुड़ी कई बीमारियां अनियमित नींद से जुड़ी हुई हैं. इससे न केवल स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि रिश्तों में तनाव भी बढ़ता है.
उनके अनुसार, आज की पीढ़ी तीन से पांच घंटे ही सोती है और वीकेंड पर 14-14 घंटे की नींद लेकर उसे पूरा करने की कोशिश करती है. ये आदत स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है.
डॉक्टर अग्रवाल मानते हैं कि आज के युवा ज्यादा देर जागने के लिए कैफीन और एनर्जी ड्रिंक पर निर्भर रहते हैं, जो उनकी कार्य क्षमता पर प्रतिकूल असर डालते हैं.
इन बातों का रखें पूरा ख्याल:
- आपके सोकर उठने और सोने का समय तय होना चाहिए .
- सोने के लिए हर रोज जगह बदलना सही नहीं है. आप जहां सोते हैं, वह जगह तय होनी चाहिए.
- अपने शयनकक्ष से टीवी, कंप्यूटर, स्मार्टफोन या टैबलेट और अन्य ध्यान भटकाने वाली चीजों को दूर ही रखें, तो बेहतर.
- दोपहर के बाद कैफीन से दूर रहें और शराब भी बहुत कम लें.
- शराब नींद लाने का काम कर सकती है, लेकिन यह नींद को बिगाड़ भी सकती है.
- नियमित व्यायाम करें, लेकिन सोने से तीन घंटे पहले न करें.
- ऑफिस के दिनों में भी नियमित व्यायाम जरूर करें.
इनपुट: IANS