अगर शरीर पर पहने जाने वाले आभूषण न सिर्फ खूबसूरती में इजाफा करें बल्कि सेहत भी सुधारें तो इसे क्या कहेंगे. जी हां, आरोग्यम एनर्जी जूलरी के जरिये यह दोनों ही काम हो रहे हैं. यह आभूषण रक्त संचार को ठीक करते हैं और उससे होने वाली कई तकलीफों जैसे अनिद्रा, कब्ज, ब्लड प्रेशर, सांस फूलना, डायबिटीज, गठिया, पीठ में दर्द, सिरदर्द की समस्याओं से लड़ने में मदद करता है.
अगर देखा जाए तो बाजार में बिकने वाली 65 प्रतिशत से ज्यादा आर्टिफीशियल जूलरी में 90 पीजीएम यानि पार्ट पर मिलियन से ज्यादा लेड (सीसा) पाया जाता है. लेड का खून से संपर्क होने पर बच्चों और युवाओं की याद्दाश्त कमजोर पड़ सकती है. बताया जा रहा है कि सिरदर्द, हिस्टीरिया आदि मानसिक बीमारियों में भी यह आभूषण लाभप्रद रहते हैं. मस्तिष्क को आराम देने तथा दर्द निवारण में फायदेमंद होते हैं.

वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति में चुम्बकों का प्रयोग बहुत पुराना है. यूनानी लोग चुम्बक दिमाग पर लगाकर सिरदर्द ठीक किया करते थे. किसी अंग के मांस या मसल्स की सूजन को कम करने के लिए उस पर चुम्बक रखा जाता था. आज भी कई जगहों पर इस पद्धति के प्रयोग से जोड़ों के दर्द, गठिया आदि का इलाज किया जा रहा है. इसके लिए चुम्बकीय पेंडेंट, चुम्बकीय जूते, चुम्बकीय ब्रेसलेट, नेकलेस आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे बायो-मैग्नेटिक यानी चुंबकीय जूलरी कहते हैं. इसके माध्यम से अदृश्य चुम्बकीय रेखाएं परोक्ष रूप में हमारे शरीर पर पॉजिटिव प्रभाव डालती हैं.

गहने बेचने वाली वेबसाइट unltdoffers.com के सीईओ चिराग हरिया कहते हैं कि न सिर्फ बड़े शहरों, बल्कि छोटे शहरों में भी लोग इसे पसंद कर रहे हैं. विशेषकर यंग लड़कियां और कामकाजी महिलाएं इसे खूब पसंद कर रही हैं. फैशन के साथ यूथ की पसंद को मिलाकर खास तरह की बायो-मैग्नेटिक ज्वेलरी डिजाइन की गई है, जिसमें मैग्नेट का भी प्रभाव रहता है.