भारत में प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है. दिवाली के अगले दिन दिल्ली और एनसीआर धुंध की चादर से ढक गया था. कई दिनों तक यह धुंध छाई रही. चीन के बाद सबसे ज्यादा भारत में ही प्रदूषण की वजह से मौत होती हैं. दुनियाभर में प्रदूषण से होने वाली मौतों में से आधी भारत और चीन में होती हैं.
दिल्ली में प्रदूषण पर सरकार का बड़ा फैसला, आधी गाड़ियां ही चलेंगी रोजाना
स्टेट ग्लोबल एयर 2017 की रिपोर्ट के अनुसार 2015 में ओजोन परत क्षीण होने की वजह से फेफड़ों से संबंधित बीमारियां बढ़ीं और 2.54 लाख लोगों को मौत हुई. यह रिपोर्ट बोस्टन में जारी की गई.
दिल्ली में बढ़ा ओजोन प्रदूषण, सेहत के लिए खतरनाक
ओजोन प्रदूषण की वजह से सबसे ज्यादा मौत भारत में होती हैं. यह आंकड़ा बांग्लादेश से 13 गुना और पाकिस्तान से 21 गुना ज्यादा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की 92 फीसदी आबादी हानिकारक हवा में सांस लेती है. प्रदूषण समय से पहले मौत का सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है.
यह रिसर्च करने वाले संस्थान 'हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टिट्यूट' (HEI)के प्रेजिडेंट डैन ग्रीनबाउम ने बताया कि दुनिया के कई हिस्सों में स्थिति सुधर रही है, लेकिन चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं.' यह रिपोर्ट HEI ने यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन और ब्रिटिश कोलंबिया की मदद से तैयार की गई है. इसमें 2,000 से ज्यादा शोधकर्ताओं ने काम किया है.
हवा का रुख PAK की ओर, फिर दिल्ली कैसे पहुंचा पंजाब का धुंआ?
रिपोर्ट के नतीजों के बारे में सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वाययर्नमेंट की अनुमिता रॉय चौधरी ने कहा कि भारत को इस मामले में ढील नहीं देनी चाहिए. ओजोन प्रदूषण की वजह से कम उम्र में ही लोगों की मौत हो जाती है. यह स्वास्थ्य का आपातकाल है. इस समस्या से निपटने के लिए देशव्यापी कदम उठाने की जरूरत है. इसके लिए पूरी तैयारी के साथ काम करना जरूरी है.'