हममें से ज्यादातर लोग शाम के वक्त समोसा खाना पसंद करते हैं. बरसात के मौसम में तो लोग ये कहकर समोसा ऑर्डर करते हैं कि आज बारिश हुई है और समोसा खाने का मौसम है. पर आपको ये जानकर दुख होगा कि जिस समोसे को आप इतने चाव और बहाने बना-बनाकर खाते हैं वो आपके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है.
दरअसल, समोसे की ऊपरी परत मैदे की बनी होती है. आपने अपने घर में बड़ों को ये कहते सुना होगा कि मैदा ज्यादा कंज्यूम करने से पेट बिगड़ जाता है. पर क्या आप ये नहीं जानना चाहेंगे कि उनके ऐसा कहने की वजह क्या है? मैदे से होने वाले नुकसान को जानने से पहले ये जानना बहुत जरूरी है कि मैदा बनता कैसे है?
कैसे बनता है मैदा:
मैदा भी गेहूं से ही बनता है. जिस प्रकार आटे के लिए गेहूं को अच्छी तरह से साफ करना पड़ता है उसी तरह मैदे के लिए भी सबसे पहले गेहूं को अच्छी तरह से धो लिया जाता है. इसके बाद गेहूं की ऊपरी तह हटा ली जाती है. इसके बाद गेहूं के सफेद भाग को अच्छी तरह, खूब महीन पीस लिया जाता है.
पिसाई के बाद प्राप्त चिकना और बिल्कुल महीन पाउडर ही मैदा होता है.
मैदे से बनी चीजें खाने का नुकसान:
मैदा गेहूं से बनता है. एक ओर जहां गेहूं को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है वहीं मैदे को खतरनाक. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि मैदा बनाते समय गेहूं के ऊपरी छिलके को हटा दिया जाता है. जिससे उसका फाइबर निकल जाता है.
ऐसे में उसमें किसी प्रकार का डाइट्री फाइबर नहीं रह जाता इसलिए जब कोई मैदे से बनी सामग्री का सेवन करता है तो ये पूरी तरह से पच नहीं पाता है. सही से पाचन न हो पाने के कारण इसका कुछ हिस्सा आंतों में ही चिपक जाता है और कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है. इसके सेवन से अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है.
साथ ही मैदा बहुत अधिक मात्रा में तेल भी सोखता है. अधिक मात्रा में तेल के सेवन से भारीपन बना रहता है. ऐसे में कोशिश की जानी चाहिए कि मैदे से बनी चीजों का कम से कम सेवन करें.