अगर आपको डिप्रेशन की शिकायत है तो आज से दवाइयां लेने के साथ ही दौड़ लगाना भी शुरू कर दीजिए. दौड़ लगाना अपने आप में एक संपूर्ण व्यायाम है. इससे शरीर के हर हिस्से को फायदा होता है.
दौड़ लगाने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जिससे कई बीमारियों का खतरा तो कम होता है ही साथ ही इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होता है. एक ताजा अध्ययन के अनुसार, अगर किसी शख्स को डिप्रेशन या फिर टेंशन की शिकायत है तो उसके लिए रोजाना या हफ्ते में कुछ देर की दौड़ बहुत फायदेमंद रहेगी.
डिप्रेशन एक साइकोलॉजिकल स्टेज है जिसमें व्यक्ति अपने पर नियंत्रण खो देता है और बैलेंस लाइफ नहीं जी पाता है. कई बार तो सिचुएशन इतनी बुरी हो जाती है कि लोग सुसाइड करने के बारे में सोचने लगते हैं. कुछ लोगों में इस दौरान, ज्यादा भूख लगने, उदास रहने, बिना बात के रोने जैसे लक्षण नजर आते हैं.
ऐसे में, दौड़ लगाने से दिमाग दूसरी दिशा में डाइवर्ट होता है और नकारात्मक विचार कम आते हैं. दौड़ लगाने से न सिर्फ शरीर मजबूत बनता है बल्कि मेंटल स्टेबिलिटी भी आती है. दौड़ लगाने से एंडोमार्फिन नामक हॉर्मोन स्त्रावित होता है जो दिमाग को शांत करने में मददगार है.
हालांकि वैज्ञानिकों ने ये स्पष्ट कर दिया है कि शुरूआत कुछ दूर दौड़ करके ही करनी चाहिए. इसके बाद धीरे-धीरे दौड़ का समय बढ़ाना चाहिए. ऐसा करके डिप्रेशन से आसानी से बाहर आया जा सकता है.