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कोलेस्ट्रॉल के जहर से रखें दिल और दिमाग को सुरक्षित

आहार में हानिकारक वसा का होना खतरनाक हो सकता है. इसकी अधिक मात्रा कोलेस्ट्राल को बढ़ा देती है जिससे मस्तिष्क में बीटा एमिलॉइड प्लेक्स बनने लगते हैं.

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दिल और दिमाग को रखें सुरक्षि‍त
दिल और दिमाग को रखें सुरक्षि‍त

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खून में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से धमनियों में रुकावट पैदा हो जाती है और इससे दिमाग को नुकसान पहुंचने की आशंका भी बढ़ जाती है. ऐसे में को‍शिश की जानी चाहिए कि जितना हो सके, कम से कम वसायुक्त चीजें खाएं ताकि आपका दिल और दिमाग स्वस्थ रहें.

आहार में हानिकारक वसा का होना खतरनाक हो सकता है, इसकी अधिक मात्रा कोलेस्ट्राल को बढ़ा देती है जिससे मस्तिष्क में बीटा एमिलॉइड प्लेक्स बनने लगते हैं. ये दिमाग की कोशिकाओं को क्षति पहुंचाते हैं तथा महीन धमनियों में रुकावट पैदा करते हैं. इसका सीधा असर दिमाग की कार्यक्षमता और स्मरणशक्त‍ि पर पड़ता है.

लखनऊ के चिकित्सक डॉ. अमृत राज ने बताया कि सैचुरेटेड फैट युक्त पदार्थ जैसे घी, मक्खन, चीज, पनीर, मांस आदि और ट्रांसफैट युक्त पदार्थ जैसी तली हुई चीजें, नमकीन, चिप्स, बिस्कुट आदि का सेवन करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. इसकी जगह अनसैचुरेटेड फैट युक्त पदार्थ जैसे जैतून, सूरजमुखी, मूंगफली, सोयाबीन तथा अलसी के तेल का उपयोग करना लाभकारी होता है.

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उन्होंने कहा कि सूखे मेवों में भी इस प्रकार की वसा होती है जो दिमागी विकास के लिए फायदेमंद होता है. फल, हरी साग-सब्जियां, संपूर्ण अनाज, जैतून व अलसी का तेल आदि दिमाग की महीन रक्त वाहिनियों को ठीक रखने में सहायक होता है.

अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो एक उत्तम एंटी ऑक्सिडेंट होने के साथ-साथ खून में बीटा-एमिलॉइड प्रोटीन के स्तर को भी कम करता है.

डॉ. राज के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल और शर्करा के रक्त स्तर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना जरूरी है क्योंकि रक्तचाप, मधुमेह तथा मोटापा जैसी बीमारियों से भी स्मरणशक्ति कमजोर होती है.

इनपुट: IANS

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