जेफरी सी हॉल, माइकल रोसबाश और माइकल डब्ल्यू यंग को चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान के लिए इस साल नोबेल पुरस्कार के सम्मानित किया गया है. इन तीनों को बॉडी क्लॉक पर रिसर्च करने के लिए इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.
दरअसल, बॉडी क्लॉक से हमारे शरीर की जैविक क्रियाओं का पता चलता है. जीव-जंतुओं सहित सभी जीवित प्राणियों के भीतर शारीरिक प्रक्रियाओं में चलने वाला 24 घंटे का चक्र होता है. यह आपके जगने-सोने के समय, हार्मोन के स्राव, शरीर के तापमान सहित विभिन्न शारीरिक प्रकियाओं को नियंत्रित करता है.
इसे मेडिकल की भाषा में 'शरीर घड़ी' या 'जैवलय', 'जैविक घड़ी' कहते हैं. अंग्रेजी में इसे 'body clock', circadian rhythms, Biological rhythms या Biological rhythms कहते हैं.
हमारा शरीर जैवलय के अनुरूप काम करता है. जैसे कि हम रात के 2 बजे गहरी नींद में होते हैं. सुबह 4:30 बजे हमारे शरीर का तापमान न्यूनतम होता है आदि.
इससे खासतौर से कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के उपचार में मदद मिलती है.
BREAKING NEWS The 2017 #NobelPrize in Physiology or Medicine has been awarded to Jeffrey C. Hall, Michael Rosbash and Michael W. Young. pic.twitter.com/lbwrastcDN
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 2, 2017
स्टॉकहोम में कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट स्थित नोबेल एसेंबली ने एक बयान जारी कर बताया, 'सर्कैडियन रीदम को कंट्रोल करने वाले आणविक तंत्र की उनकी खोजों के लिए इस तिकड़ी को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है.'
इन तीन वैज्ञानिकों ने शरीर में पाए जाने वाले उस खास जीन को आइसोलेट कर बॉडी क्लॉक कंट्रोल करने की विधि का पता लगाया है, जिससे कई बीमारियों के इलाज में मदद मिल सकती है. खासतौर से नींद से संबंधित परेशानियों में बेहद कारगर है.
बॉडी क्लाॅक के गड़बड़ होने पर न केवल प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, बल्कि इससे सोचने-समझने और फैसले लेने की क्षमता पर भी असर होता है.
नोबेल समिति ने चिकित्सा के क्षेत्र के साथ ही पुरस्कारों की घोषणा शुरू कर दी है. आने वाले दिनों में अब भौतिकी, रसायनशास्त्र, शांति, साहित्य और अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की जाएगी.