जीका वायरस जहां, अजन्मे बच्चों के मस्तिष्क को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए कुख्यात है. वहीं वैज्ञानिकों ने पाया है कि यह घातक ब्रेन कैंसर से जुड़ी कोशिकाओं को भी मार सकता है.
ये वे कोशिकाएं हैं, जो मानक उपचारों के प्रति सबसे अधिक प्रतिरोधी होती हैं. ये नतीजे ब्रेन कैंसर की घातक किस्म ग्लियोब्लास्टोमा के लिए एक प्रभावी उपचार का रास्ता तैयार कर सकते हैं.
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ब्रेन कैंसर की यह किस्म पता लगने के एक साल के भीतर जानलेवा साबित होता है. शोध बताते हैं कि भ्रूणों के मस्तिष्कों की कोशिकाओं को संक्रमित करने एवं मार डालने के लिए पहचाने जाने वाले वायरस की घातक शक्ति को मस्तिष्क में मौजूद विसंगति वाली कोशिकाओं की ओर मोड़ा जा सकता है.
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ऐसा कर पाने से ग्लियोब्लास्टोमा के खिलाफ लोगों की स्थितियों में सुधार लाया जा सकता है. अमेरिका में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल एस डायमंड ने कहा, हमने दिखाया कि जीका वायरस उन ग्लियोब्लास्टोमा कोशिकाओं को मार सकता है, जो मौजूदा उपचारों की प्रतिरोधी हैं और मौत की वजह बनती हैं.