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चिकनगुनिया से डरें नहीं...जानें इसके लक्षण, बचाव और उपचार

चिकनगुनिया ने लोगों के दिलों में डर बिठा दिया है और इसकी एक बहुत बड़ी वजह ये है कि लोगों को इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी ही नहीं है. लोगों को ये पता ही नहीं है कि चिकनगुनिया का बेहतर इलाज घर पर भी हो सकता है. डॉक्टर की सलाह लेकर घर पर रहते हुए भी इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.

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चिकनगुनिया
चिकनगुनिया

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कई दिन से बुखार है... उठा नहीं जा रहा...पूरा शरीर दर्द हो रहा है...ज्यादातर दोस्त, रिश्तेदार आजकल ऐसे ही कहते मिलते हैं. ऑफिस में काम का बोझ भी इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि साथ काम करने वालों में से कई बीमार हैं.

चिकनगुनिया महामारी का रूप ले चुका है और अब तक अकेले दिल्ली में इससे पांच मौतें हो चुकी हैं. मरीजों की संख्या हर रोज बढ़ रही है और अस्पतालों में लोग खड़े-खड़े ग्लूकोज की बोतल चढ़वा रहे हैं. बेड पाने के लिए हाय-तौबा मची हुई है.

चिकनगुनिया ने लोगों के दिलों में डर बिठा दिया और इसकी एक बहुत बड़ी वजह ये है कि लोगों को इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी ही नहीं है. लोगों को ये पता ही नहीं है कि चिकनगुनिया का बेहतर इलाज घर पर भी हो सकता है. डॉक्टर की सलाह लेकर घर पर रहते हुए भी इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.

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सही पहचान करना है सबसे जरूरी:

1. तेज बुखार
चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षणों में से एक है तेज बुखार होना. चिकनगुनिया में बुखार 102 डिग्री सेल्सियस से लेकर 104 डिग्री सेल्स‍ियस तक पहुंच जाता है. बुखार हफ्तेभर या दस दिनों तक भी बना रह सकता है.

2. जोड़ों में तेज दर्द
जोड़ों में तेज दर्द होना, इस बीमारी का एक प्रमुख लक्षण है. जोड़ों में तेज दर्द होता है जिसकी वजह से हाथ-पैर का मूवमेंट करने में भी तकलीफ होती है. ये दर्द काफी दिनों तक बना रहता है. कुछ लोगों को जोड़ों में दर्द के साथ ही सूजन की शि‍कायत भी हो जाती है.

3. रैशेज या चकत्ते पड़ जाना
जरूरी नहीं है कि हर किसी के शरीर पर चकत्ते या रैशेज पड़ें ही लेकिन कुछ लोगों में ऐसे लक्षण भी नजर आते हैं. ये चकत्ते चेहरे पर, हथेली पर और जांघों पर नजर आते हैं.

4. अन्य लक्षण
तेज सिर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द, चक्कर आना और उल्टी महसूस होना भी इस बीमारी के सामान्य लक्षण हैं. अगर ये लक्षण नजर आ रहे हैं तो सबसे पहले किसी अच्छे लैब से ब्लड टेस्ट कराएं और सही जगह रिपोर्ट चेक कराएं.

क्या हैं बचाव और उपचार के तरीके:
चिकनगुनिया वायरस जनित बीमारी है और ये इंफेक्टेड Aedes मच्छरों के काटने से फैलता है. ऐसे में सबसे जरूरी है कि मच्छरों के काटने से बचकर रहें. अपने आस-पास सफाई रखें. पूरे कपड़े पहनें और सतर्क रहें. होम्योपैथ में eupatperf 200 नाम की एक दवा है. ये दवा चिकनगुनिया होने की आशंका को कम करती है.

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अस्पताल जाने की जरूरत नहीं, घर पर रहते हुए भी हो जाएंगे ठीक
आमतौर पर लोगों को लगता है कि चिकनगुनिया हो जाने पर अस्पताल जाना ही एकमात्र उपाय है. लेकिन ऐसा नहीं है. डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है लेकिन घर पर रहते हुए भी इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है. जरूरत है तो सिर्फ थोड़ी सावधानी और जानकारी की.

क्या करना चाहिए...
1. चिकनगुनिया की कोई स्पेसिफिक मेडिसीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में डॉक्टर की दी हुई दवा ही लें. खुद से इलाज करने से बचें और कोई भी दवा न खाएं. इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है.

2. घर पर रहें और जितना ज्यादा हो सके आराम करें. इस दौरान आराम करना सबसे ज्यादा जरूरी है.

3. चिकनगुनिया में अक्सर लोगों को डी-हाइड्रेशन की शिकायत हो जाती है. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लें. लिक्विड डाइट लेना भी फायदेमंद रहेगा.

4. अगर आप किसी दूसरी बीमारी के लिए भी दवा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर को उसके बारे में जरूर बताएं. एक साथ दो तरह की दवाइयां लेना खतरनाक भी हो सकता है.

5. उन चीजों को ज्यादा से ज्यादा लें जिनसे विटामिन सी मिले. विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है.

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6. बहुत अधिक ऑयली और स्पाइसी खाने से परहेज करें.

7. नारियल पानी और सब्ज‍ियों का सूप जरूर लें. इस दौरान शरीर बहुत कमजोर हो जाता है, ऐसे में ये लिक्विड डाइट एनर्जी देने का काम करती है.

8. आइस पैक को तौलिए में लपेटकर जोड़ों पर रखें और हल्के हाथों से दबाएं. इससे दर्द में फायदा होगा.

यूं तो सही देखरेख के साथ घर पर रहते हुए भी इस बीमारी से ठीक हुआ जा सकता है लेकिन बीमारी के दौरान डॉक्टर के संपर्क में जरूर रहें. अगर लगे की स्थिति संभलने के बजाय बिगड़ती ही जा रही है तो देर बिल्कुल न करें.

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