युवाओं के लिए टंग पीयरसिंग कराना फैशन स्टेटमेंट बन चुका है. जीभ छिदवाकर स्टड्स पहनना या फिर छोटी सी बाली पहनना उनके लिए खुद को स्टाइलिश साबित करने का एक तरीका है.
एक ओर जहां टंग पीयरसिंग युवाओं में अपनी जगह बना चुकी है वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इससे दांतों से जुड़ी कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि टंग पीयरासिंग कराने से मसूड़ो पर चोट लगती है और हड्डी के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है.
विशेषज्ञ कहते हैं कि टंग पीयरसिंग होने की वजह से आप दिनभर अपनी जीभ को मुंह में ही इधर-उधर करते रहते हैं. इसकी वजह से मसूड़ों में संक्रमण हो सकता है. जिसके चलते बोन-लॉस का खतरा भी हो सकता है. कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बेर्टा के डॉक्टर लिरान के अनुसार ये स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है.
इसका एक नुकसान ये भी हो सकता है कि पीयरसिंग टूटकर आपके मुंह से पेट में जा सकती है या फिर किसी नाल में फंस सकती है. कई बार ऐसा भी होता है कि रात को सोते वक्त दांत के नीचे कुछ कठोर सा आने पर हम उसे दबाने लग जाते हैं. अगर पीयरसिंग नहीं टूटती है तो दांतों को तो नुकसान होना ही होता है.
इस रिसर्च के लिए जितने भी लोगों से पीयरसिंग को लेकर फीडबैक मांगा गया उनमें से 51.9 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पीयरसिंग की वजह से उनके मुंह में सूजन आ जाती है और 45.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पीयरसिंग की वजह से उनके मुंह में खून आता है.
रिसर्च के दौरान जब उनके मुंह का निरीक्षण किया गया तो उनमें से 14 प्रतिशत लोगों के दांत फ्रैक्चर्ड मिले और 26.6 प्रतिशत लोगों में मसूड़े पीछे खिसक चुके थे. आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि जितने लोगों ने पीयरसिंग करायी थी उन्हें ये पता भी नहीं था कि पीयरसिंग कराने से ऐसे नुकसान हो सकते हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि पीयरसिंग कराने वालों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वे समय-समय पर डॉक्टर के पास जाते रहे ताकि किसी भी तरह की समस्या होने पर उसे तुरंत ठीक किया जा सके.
पीयरसिंग कराने वालों में आगे चलकर नर्वस-सिस्टम से जुड़ी कई समस्याएं भी घर कर जाती हैं.