मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे’ मनाया जाता है. वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ ने वर्ष 1992 में इसकी शुरुआत की थी. इस खास मौके पर हमने दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहैवियर एंड एलाएड साइंसेस (IHBAS) के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. ओमप्रकाश से बात की. उन्होंने बताया कि मनोचिकित्सक कैसे आपको देखकर मेंटल हेल्थ का पता लगाते हैं और क्या होते हैं इसके लक्षण.
सामान्य- अगर सामान्य सजगता है
असामान्य- यदि जरूरत से ज्यादा सजग, अलसाए या भ्रमित हैं
सामान्य- अगर चेहरे के हावभाव सामान्य हैं
असामान्य – अगर चेहरे के हावभाव अस्थि्र हैं, बहुत दुखी, चिंता में डूबे, गुस्से में, बहुत खुश या कन्फ्यूज्ड नजर आ रहे हैं.
सामान्य - अगर आई कॉन्टैक्ट सामान्य है, डॉक्टर से नजर मिलाकर बात कर रहे हैं.
असामान्य - यदि आपकी नजरें बार-बार अलग-अलग जगहों पर टिक रही हैं या जमीन ताक रहे हैं या पलकें पूरी तरह झुकाए हैं.
सामान्य- अगर अपनी बात सामान्य तरीके से कह पाते हैं
असामान्य - यदि आंखों में आंसू हैं, रो रहे हैं या शर्मिंदगी का भाव है, पसीना आ रहा है या आवाज कांप रही है.
सामान्य - अगर सामान्य तरीके से दरवाजे से आकर कुर्सी पर बैठकर बात कर रहे हैं
असामान्य - यदि पैर लड़खड़ा रहे हैं, कहने के बावजूद समझ नहीं पा रहे हैं, आत्मविश्वास की कमी है.
सामान्य - अगर लोगों से सामान्य व्यवहार कर रहे हैं
असामान्य - अगर लोगों के साथ जरूरत से ज्यादा दोस्ताना व्यवहार कर रहे हैं, व्यंग्यात्मक बातें बोल रहे हैं या बिना वजह अजनबी से क्रोधित हो रहे हैं.
सामान्य - अगर किसी सवाल पर सीधा जवाब देते हैं.
असामान्य - पूछे जाने पर चुप्पी या जरूरत से ज्यादा बातूनी या मशीनरी अंदाज में हां या न में जवाब देकर चुप हो जाते हैं.