दुनियाभर के देशों में जिन प्रोडक्ट की पूछ नहीं है, भारत में बेहद लोकप्रिय हैं. इनमें बहुत सी चीजें तो ऐसी हैं जिन्हें भारतीय रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं. आइए आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताते हैं जो भारत में तो खरीदी जा सकती हैं, लेकिन विदेशी बाजारों में ये ढूंढने से भी नहीं मिलेंगी.
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डिस्प्रिन- भारतीय लोग अक्सर सिरदर्द से राहत पाने के लिए डिस्प्रिन जैसी टैबलेट का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि बाजार में ये बड़ी आसानी से मिल जाती है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानकों पर असफल होने की वजह से ये दवा अमेरिका में बैन हो चुकी है. साल 2002 में यूएस की ड्रग सेफ्टी बॉडी ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इसे बैन किया था.
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जैली स्वीट- अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में जैली स्वीट पर पूरी तरह से पाबंदी है. इसे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है, क्योंकि बच्चों के दम घुटने के कई मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, भारतीय बाजारों में ये बच्चों को बड़ी आसानी से मिल जाती हैं.
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किन्डर जॉय- 'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में किन्डर जॉय को बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक माना गया क्योंकि इसके अंदर कुछ खिलौने दिए जाते हैं. हालांकि भारत में इसकी खूब बिक्री होती है. 'दि फूड, ड्रग एंड कॉस्मेटिक लॉ 1938' के तहत अमेरिका में इसे बैन किया गया था. इस ऐक्ट के तहत किसी भी ऐसी कैंडी की बिक्री प्रतिबंधित है जिसमें कोई खिलौना भी मौजूद हो क्योंकि बच्चे गलती से इसे निगल सकते हैं. हालांकि, मई 2017 में फेरेरो के किंडर जॉय की बिक्री को इजाजत दे दी गई क्योंकि कंपनी ने चॉकलेट और प्लास्टिक खिलौनों को अलग-अलग कर बेचना शुरू कर दिया. चिली में भी साल 2013 में एक कानून पास हुआ था जिसमें खिलौनों का लालच देकर बिक्री को प्रोत्साहित करने वाले विज्ञापनों पर बैन लगाया गया था. किंडर सरप्राइज पर भी चिली ने बैन लगाया था. साल 2016 में फूड लेबलिंग लॉ के तहत कंपनियों को ज्यादा शुगर, सैचुरेटेड फैट, सोडियम और कैलोरी वाली चीजों के लेबल पर चेतावनी देने का आदेश दिया गया था.
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डी कोल्ड टोटल- जुकाम में दी जाने वाली डी कोल्ड टोटल भी कई देशों में प्रतिबंधित है. इन देशों की हेल्थ ऑथोरिटीज का दावा है कि ये दवा हमारी किडनी के लिए खतरनाक है. लेकिन भारत में इस दवा के विज्ञापन आप टेलीविजन पर बड़ी आसानी से देख सकेंगे.
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लाइफबॉय साबुन- लाइफबॉय साबुन को लेकर भी अमेरिका में विवाद हो चुका है. जबकि भारत में ये साबुन काफी ज्यादा लोकप्रिय है. द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के एफडीए ने लाइफबॉय समेत कई एंटी बैक्टीरियल सोप को लेकर कहा था कि ये सामान्य साबुनों से किसी भी रूप में बेहतर नहीं हैं. बल्कि कई डेटा से पता चलता है कि लंबे समय तक इनके इस्तेमाल से फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकते हैं.
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अनपाश्चराइज्ड मिल्क- अमेरिका और कनाडा में अनपाश्चराइज्ड मिल्क यानी बिना पाश्चुरीकृत दूध वर्जित है. हेल्थ ऑथोरिटीज कहती हैं कि इस दूध में कई सूक्ष्म जीव और रोगाणु होते हैं जिससे सेहत को घातक साइड इफेक्ट हो सकते हैं. हालांकि, भारत में ये दूध खरीदारी के लिए उपलब्ध रहता है.
पेस्टीसाइड्स- क्या आप जानते हैं DDT और एंडोसल्फान जैसे तकरीबन 60 से ज्यादा नुकसानदायक कीटनाशक विदेश में बैन हैं. ये कीटनाशक फल-सब्जियों के जरिए हमारे शरीर में जानकर घातक बीमारियों का कारण बन सकते हैं. इसी वजह से कई देशों में ये बैन हैं, जबकि भारत में फसलों को कीटों से बचाने के लिए इनका खूब इस्तेमाल होता है.
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निमेसुलाइड- अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, न्यूजीलैंड, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अलावा कई देशों में पेन किलर 'निमुलिड' पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध है क्योंकि यह लीवर के लिए बेहद हानिकारक है. फिनलैंड और स्पेन ने साल 2002 में इस दवा को प्रतिबंधित किया था. जबकि आयरलैंड और सिंगापुर देशों से 2007 में ये बाजारों से खत्म कर दी गई थी. भारत में ये दवा अब भी मिल सकती है.
हाइंज कैचअप- समोसे-ऑमलेट के साथ खाए जाने वाले हाइंज कैचअप के नाम पर भी पाबंदी है. डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कैचअप में सिर्फ 21 प्रतिशत ही टमाटर का इस्तेमाल हुआ है. यानी कैचअप में 80 प्रतिशत कंटेंट टमाटर नहीं है. जबकि इसके विज्ञापन में दावा किया गया था कि इसमें 61 फीसद सिर्फ टमाटर है. इसलिए इजरायल सरकार ने आदेश दिया था कि ये कैचअप देश में किसी और नाम से बेचा जाना चाहिए.
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